बीकानेर/उदयपुर/ शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति के आदेश करके नियुक्ति नहीं देना विभाग के आला अधिकारियों अर्थात विभाग के मुखिया शिक्षा निदेशक और एक आर एस अधिकारी तथा डी ई ओ को उस वक्त भारी पड़ गया जब हाईकोर्ट ने कोर्ट की अवमानना करने पर शिक्षा निदेशक को तलब करने के बाद भी हाजिर नहीं होने पर शक्ति अपनाते हुए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थित होने के निर्देश ही नहीं दिए वर्ण ₹50000 का जुर्माना तक भी ठोक दिया हाई कोर्ट में शिक्षा निदेशक को लिखित में माफी मांगने पड़ी तो वहीं हाईकोर्ट ने एक आर ए एस अधिकारीऔर डीईओ के खिलाफ वारंट जारी करते हुए तलब किया है
ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती-2018 में आदेश के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर 50 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब प्रारंभिक शिक्षा निदेशक कानाराम(आईएएस) हाईकोर्ट में पेश हुए। उन्होंने हलफनामा पेश कर बिना शर्त माफी मांगी। आश्वस्त भी किया कि अगली सुनवाई तक आदेश की पालना कर ली जाएगी। हाईकोर्ट ने उदयपुर जिला परिषद के पूर्व सीईओ गोविंदसिंह राणावत व डीईओ-प्रारंभिक वीरेंद्र यादव को भी नोटिस का जवाब नहीं देने पर 30-30 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया है।
समन तामील की जिम्मेदारी उदयपुर एसपी को दी है। अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी। कोर्ट की सख्ती के तुरंत बाद विभाग ने नियुक्ति देने की तैयारी शुरू कर अभ्यर्थी की काउंसलिंग भी हो गई। बांसवाड़ा के याचिकाकर्ता मनीलाल की ओर से अधिवक्ता रामदेव पोटलिया ने अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट को बताया गया कि अक्टूबर, 2021 में याचिकाकर्ता को ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती 2018 में नियुक्ति के आदेश दिए थे, लेकिन इसकी पालना नहीं की गई।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक कानाराम(आईएएस) को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा गया था, लेकिन न तो निदेशक आए और न ही उनकी ओर से किसी अधिवक्ता ने उपस्थिति दी। इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी से तलब किया था। इस पर निदेशक कोर्ट में पेश हुए।
निदेशक कानाराम आईएएस की तरफ से एएजी पंकज शर्मा ने शपथपत्र पेश कर पालना नहीं करने पर बिना शर्त माफी मांगी। जस्टिस संदीप मेहता व रेखा बोराणा की खंडपीठ ने उदयपुर जिला परिषद के पूर्व सीईओ गोविंद सिंह राणावत व डीईओ-इलीमेंट्री वीरेंद्र यादव को भी जमानती वारंट से तलब किया है। दोनों अधिकारियों ने कोर्ट नोटिस पर कोई रेस्पोंड नहीं किया था।