Bhilwara News ।जिले के कोटडी उपखंड पर शिक्षा विभाग का स्थित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ( सीबीईओ) के अधीनस्थ दो स्कूलो व कार्यालय मे फर्जी शिक्षक बनाकर काल्पनिक वेतन बिल बना करोड का गबन करने वाले संविदा कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल सुवालका से पुलिस रिमांड अवधि मे कुछ भी राज नही उगलवा पाई ।
गबन के मामले मे बडलियास स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल की रिपोर्ट पर मीडियाबाजी के बाद राजनैतिक दबाव होने के बाद गिरफ्तार कर रिमांड तो ले लिया लेकिन रिमांड अवधि मे पुलिस गोपाल से गबन कु कुछ भी राज नही उगलवा सकी ।
सूत्रो के अनुसार पुलिस ने पूरे राजनैतिक दबाव मे काम किया । इसके संकेत पहले ही मिल गए थे जब एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने गोपाल को थाने बुलाकर केवल फोरी पूछताछ कर छोड दिया ।
खुल सकता था राज अगर..
रिमांड अवधि के दौरान पुलिस जैसे मामूली चोरी, वाहन चोरी, चैन स्नैचिंग की घटनाओ मे आरोपियो कडाई या फिर थर्ड डिग्री या अपना राज उगलवा लेती है और अगर वही तरीका गोपाल सुवलाका पर अपनाया होता तो कई बेनकाब हो जाते लेकिन ऐसा नही हुआ क्यों ? सरकारी राशि के गबन का मामला था फिर पुलिस ने आखिर ऐसा क्यों नही किया ? क्या पुलिस वास्तव मे राजनैतिक दबाव मे है ? राजनैतिक दबाव मे है तो किसके सत्तापक्ष अथवा विपक्ष के ?
दिलखुश व गोपाल के खातो मे कितनी राशि
उधर दूसरी और इस मामले मे सूत्रो के अनुसार गबन की गई राशि मे से करीब 90 लाख से अधिक राशि
गोपाल सुवालका व उसकी पत्नी दिलखुश के खाते मे जमा हुए।
बाकी शेष राशि करीब 1करोड से अधिक कहां गई ? किस-किस के खाते मे गई ? किसके कहने पर गई ।। यह सब जानने के लिए और परते खोलने के लिए जांच टीम प्रयासरत है।
इस राशि का खुलासा कोटडी स्थित एसबीआई (SBI) की शाखा वीवीआर रिपोर्ट और वाउचर कांपियां शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दे तो सब कुछ कांच कीसतरह साफ हो जाएगा ।