विधायक जाट की गहलोत मंत्रिमंडल में एक दशक बाद फिर वापसी,यह मिल सकता मंत्रालय, भीलवाड़ा को मिला प्रतिनिधित्व

भीलवाड़ा / मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में सिपाही की नौकरी छोड़ राजनीति की शुरुआत करने वाले किसान नेता विधायक रामलाल जाट एक दशक बात अर्थात 10 साल बाद फिर गहलोत मंत्रिमंडल में पदोन्नति के साथ कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है और इसी के साथ ही भीलवाड़ा को भी एक दशक बाद गहलोत मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिला है विधायक जाट के अब मंत्री बनने से भीलवाड़ा और मेवाड़ के विकास की संभावनाएं प्रबल नजर आती है ।

रामलाल जाट

भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने रामलाल जाट अब गहलोत की नई टीम में तीसरे नंबर के कैबिनेट मंत्री बन गए हैं ।

विधायक रामलाल जाट सन 2008 में बनेड़ा विधानसभा क्षेत्र परिसीमन में समाप्त हो जाने के बाद जाट ने मांडल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई । इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ-साथ विधायक जाट प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी के भी काफी निकटतम थे और डाॅ जोशी से निकटता उनकी 2009 में भीलवाड़ा लोकसभा चुनाव के दौरान ज्यादा बढ़ गई और इस निकटता और डॉक्टर जोशी के चुनाव जीतने के बाद विधायक जाट को 2009 मैं मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल में खनिज एवं वन राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार देते हुए कमान सौंपी थी और वह इस पद को बखूबी निभा रहे थे । लेकिन अचानक घटे एक घटनाक्रम में भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन और उनके रिश्तेदार रतन लाल चौधरी की पत्नी पारस देवी के आत्महत्या मामले में विवाद बढ़ने पर सरकार की किरकिरी होने से जाट को 13 नवंबर 2011 को अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा था।

विधायक जाट की अब एक बार फिर से 10 साल बाद गहलोत के कैबिनेट में पदोन्नति होकर कैबिनेट मंत्री के रूप में वापसी हुई है । जाट के कैबिनेट मंत्री बनने से मेवाड़ क्षेत्र में जाट समुदाय का वोट बैंक को आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने पक्ष में करने का मजबूत मौका मिलेगा इसी को ध्यान में प्रगति हुए जाट को मंत्रिमंडल में कैबिनेट का दर्जा देखकर मंत्री पद नवाजा गया है ।

सिपाही से राजनीति।का सफर

विधायक व कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट राजनीति में आने से पूर्व राजस्थान पुलिस सेवा में सिपाही के पद पर नियुक्त थे और भीलवाड़ा जिले के पुलिया कला थाना में एक घटनाक्रम में हुए गोलीकांड के बाद नौकरी जाने के बाद जाट ने राजनीति में भाग्य आजमाया और वह डेयरी दूध उत्पादक सहकारी संघ से जुड़कर भीलवाड़ा डेयरी के चेयरमैन बने और यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ । उसके बाद मैंने पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा डेयरी चेयरमैन बनने के बाद जाट अजमेर डेयरी के चेयरमैन रामचंद्र चौधरी के संपर्क में आए और उसके बाद 1998 में राजस्थान के कद्दावर नेता परसराम मदेरणा तथा उस समय के तत्कालीन भीलवाड़ा के सांसद रामपाल उपाध्याय के संपर्क और निकटता के चलते बनेडा विधानसभा सीट से कांग्रेस का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की फिर 2003 में भी इसी बनेडा विधानसभा क्षेत्र से दुबारा विधायक चुने गए।

साधारण किसान परिवार मे …

कैबिनेट मंत्री जाट का जन्म भीलवाड़ा जिले की पूरा पंचायत समिति के अंताली ग्राम पंचायत एक छोटे से गांव प्रतापपुरा मैं एक साधारण व किसान परिवार मे हुआ । मंत्री जाट शुरू से ही किसानों के प्रति काफी चिंतित रहे हैं।

जाट को मिल सकता है यह मंत्रालय

कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट को उनकी कार्यशैली और मजबूत पकड़ तथा किसानों के प्रति प्रेम और रुचि को देखते हुए कृषि मंत्रालय का प्रभार मिल सकता है ऐसी अटकलें राजनीतिक गलियारे में हैं ।