भीलवाड़ा। भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को अर्थात आज से ठीक 20 दिन बाद मतदान होगा । प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी और नेता तथा पदाधिकारी मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए जनसंपर्क पर निकल पड़े हैं ।
भाजपा ने इस बार अपने प्रत्याशी को बदलकर संगठन में पकड़ रखने वाले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दामोदर अग्रवाल को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने पहले दामोदर गुर्जर को टिकट देकर उन्हें यहां से वापस बदला और राजसमंद भेजा तथा यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सीपी जोशी को मैदान में उतारा है।

डॉक्टर जोशी 10 साल बाद फिर भीलवाड़ा संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं वह 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा सांसद की सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री रहते हुए भीलवाड़ा शहर और जिले की सबसे बड़ी पीने के पानी की समस्या का चंबल से पानी लाकर समाधान किया था आज भी जिले की जनता उन्हे वाटरमैन के नाम से पुकारती है ।

2009 में जब डॉक्टर जोशी ने भीलवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था तब जिले की कांग्रेस के सभी नेताओं में मनभेद और मतभेद नहीं थे एकजुट थी और पूरी टीम आंतरिक रूप से मन से जोशी के साथ लगी थी और उन्होंने भाजपा के विजेंद्र पाल सिंह को एक लाख से अधिक मतों से हराया था लेकिन अब वर्तमान स्थिति में हालात बदल गए हैं ।
कांग्रेस में जिले में गुटबाजी चरम पर है तथा दूसरी ओर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भी कांग्रेस पूरी तरह से बिखरी हालात मे हैं दूसरी और कांग्रेस द्वारा यह भी माना जा रहा है कि जोशी क्योंकि ब्राह्मण है और भीलवाड़ा जिले में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 3 लाख से अधिक है जिसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी जोशी को मिल सकता है लेकिन इसकी संभावनाएं नजर नहीं आती ?
दूसरी और भाजपा के दामोदर अग्रवाल एक उद्योगपति है और वह पहली बार चुनाव मैदान में है उनका संगठन के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी समर्थन है हालांकि भाजपा में भी गुटबाजी तो है लेकिन एन वक्त पर केंद्रीय नेतृत्व के एक इशारे पर यह गुटबाजी प्रभावहीन होकर सभी एकजुट होकर केंद्र में भाजपा की सरकार और मोदी के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को लेकर तन मन से इस चुनावी रण में जुट जाएंगे ऐसी संभावनाएं नजर आती है और इसका फायदा भाजपा प्रत्याशी दामोदर अग्रवाल को मिल सकता है?
हालांकि परिणाम क्या होगा यह तो 26 अप्रैल को जिले के 21. 72 लाख मतदाताओं में से कितने मतदाता मतदान करते हैं और 4 जून को उसका परिणाम सबके सामने होगा।
इस चुनावी समर में हालांकि इस लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 9 और प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं लेकिन मतदाताओं में या इसे यूं कहें की धरातल पर उनका इतना कोई प्रभाव नहीं है जो चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सके।