कालसर्प दोष के बीच मकर संक्राति 14 को , क्या पडेगा प्रभाव

Bhilwara/ इस साल मकर संक्राति 14 जनवरी को दोपहर मे 2.28 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र मित्र योग राशि बृषभ स्वामी शुक्र एवं बृषभ लग्न मे राहु पहला और केतु सातंवे के बीच कालसर्प दोष के मध्य मकर संक्राति की शुरूआत होगी ।

ज्योतिष नगरी कारोई के ज्योतिष डाॅ. गोपाल उपाध्याय ने यह जानकारी देते हुए बताया की मकर संक्राति पर इस बार जंगल में भूत जाती में व्याग्र सवारी पर दक्षिण दिशा में कुकू का लेपन करके चांदी के पात्र में दही का भक्षण करके मकर सक्रांति का प्रभाव बना है । कालसर्प की वजह से कोरोनासौर ओमिक्रोन बीमारी का प्रभाव पड़ेगा। महिलाओं बच्चों पर तथा जंगल में निवास करने वालों पर रोग, चोरी एव आग जनि लूटपाट का योग ज्यादा रहेगा पत्रकार लेखक धर्मगुरु शिक्षक कथा वाचक लोगों के लिए खूब योग बन रहा है शेयर बाजार व्यापारी उद्योगपति आयात निर्यात पर कष्टदायक रहेगा सुगंधित पदार्थ, मसाला, अनाज, गल्ला, तंबाकू, चाय ,पूजन सामग्री, केसर, सरसो , दाले ,हल्दी, सोना चांदी अन्य धातुओं में उतार चढ़ाव का योग रहेगा ।

ज्योतिष डाॅ. गोपाल उपाध्याय के अनुसार महामृत्युंजय जाप सूर्य आराधना राहु केतु ग्रह के लिए दान पुण्य हवन पूजन एवं विशेष पित्रों का पूजन दान पुण्य श्रेष्ठ है । धर्मराज यमराज चित्रगुप्त देवताओं के लिए दान पूजा हवन उत्तम रहेगा देश विदेश मैं उपाय करने से सर्वत्र श्रेष्ठ रहेगा । इसी के कारण नेताओं का दल बदल होना होगा जो थोक के भाव नेता दल बदलू होगें और दब बदलू नेताओ को मुहं की खानी पडेगी।

29 साल बाद एक खास संयोग का निर्माण होने जा रहा है।  दरअसल 14 जनवरी को सूर्य और शनि एकसाथ मकर राशि में विराजमान होंगे।  आखिरी बार ऐसा संयोग वर्ष 1993 में देखा गया था।  शनि 30 साल में अपना राशि चक्र पूरा करते हैं और इसीलिए सूर्य का पुत्र शनि से 29 साल बाद मिलन होगा। इस अनयोग का प्रभाव राशियों पर भी पड़ेगा। ज्योतिषविदों की मानें तो सूर्य-शनि का यह दुर्लभ संयोग चार राशियों को बहुत फायदा देने वाला है।