जयपुर/भीलवाड़ा/ गुर्जर समुदाय के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक देवनारायण स्थल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसींद स्थित मालासेरी आसींद में उज्जैन अयोध्या वाराणसी की तर्ज पर ही कॉरिडोर बनाया जाएगा और
इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 28 जनवरी को आसींद मालासेरी में भगवान देवनारायण 1111 वी जयंती पर आयोजित समारोह में अपने दौरे के दौरान घोषणा कर सकते हैं ? प्रधानमंत्री मोदी के आसींद दौरे और कॉरिडोर को लेकर केंद्र सरकार क्या संस्कृत मंत्रालय ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है।
गुर्जर समुदाय का अंतरराष्ट्रीय सबसे बड़ा धार्मिक स्थल आसींद के मालासेरी में भगवान देवनारायण का प्राकट्य स्थल है जिसकी 1111 वी जयंती आगामी 28 जनवरी को धूमधाम से वृहद्ध स्तर पर मनाई जाएगी ।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे और एक बड़ी सभा का आयोजन होगा । केंद्र सरकार का सांस्कृतिक मंत्रालय आसींद मालासेरी में अयोध्या, वाराणसी और उज्जैन की तर्ज पर धार्मिक कॉरिडोर की तैयारी शुरू कर दी है ।प्रधानमंत्री मोदी इस दिन कॉरिडोर बनाने की घोषणा कर सकते हैं।
राजस्थान के बीकानेर से सांसद और सांस्कृतिक मंत्रालय के मंत्री अर्जुन मेघवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालासेरी आसींद कार्यक्रम की तैयारियों को स्वयं देख रहे हैं और उनका मंत्रालय इस काम में जुट गया है ।
सूत्रों के अनुसार यह कॉरिडोर मालासेरी डूंगरी स्थित भगवान देवनारायण के मुख्य मंदिर को शामिल करते हुए बनेगा इसके आसपास के क्षेत्र में एक म्यूजियम भी बनेगा जहां भगवान देवनारायण की जीवनी और क्षेत्र में मौजूद उनके ऐतिहासिक प्रमाणो को प्रदर्शित किया जाएगा तथा एक लाइट एंड साउंड शो भी बनाया जाएगा जहां मंदिर।
इस स्थान पर साल में दो बार मेला भी भरता है। वर्तमान मंदिर डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है उसके पास एक झील है जिसके चारों तरफ से वाॅक वे के साथ भव्य सरोवर का रूप दिया जाएगा ताकि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण भी हो।
मालासेरी डूंगरी एक पठारी पर्वतीय स्थल इसके पास एक विहंगम नदी है इस क्षेत्र में महाभारत की ही तरह भीषण युद्ध भी हुए थे जिनका उल्लेख क्षेत्र लोकगीतों और गुर्जर समाज के साहित्य में भी मिलता है मान्यता है कि यहां कमल के फूल में भगवान देवनारायण प्रकट हुए थे । एक कथा ऑडिटोरियम भी यहां बनेगा जहां भगवान देवनारायण की कथा निरंतर चलती रहेगी
सांस्कृतिक मंत्रालय की एक टीम वाराणसी और महाकाल कॉरिडोर का दौरा कर पर्यटन वास्तुकला के विशेषज्ञों से बातचीत कर उनकी राय भी लेगी इस कॉरिडोर के बनने के बाद भीलवाड़ा जिले का आसींद मालासेरी भी उज्जैन वाराणसी अयोध्या की तरह देश में अलग पहचान के रूप में सामने ऊपर कर आएगा और यहां पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को देख रहे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल आज के 19 जनवरी को आसींद में एक बैठक करेंगे इस बैठक में भीलवाड़ा अजमेर टोंक सवाई माधोपुर राजसमंद चित्तौड़गढ़ जिलों के गुर्जर समुदाय के चुनिंदा धार्मिक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे ।
जिनसे विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी और इसके बाद 2 बैठकें और आयोजित होगी इन बैठकों में अलवर दोसा करौली झालावाड़ आदि जिलों के गुर्जर समाज के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और बैठक में चर्चा करेंगे इसके पश्चात एक बैठक और होगी जिसमें हरियाणा पंजाब दिल्ली मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश जम्मू-कश्मीर हिमाचल सेक्टर के गुर्जर समाज के धार्मिक सामाजिक नेताओं जिनसे भी विस्तृत चर्चा की जाएगी।
भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मध्य नजर रखते हुए गुर्जर समुदाय के वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए यह प्रयास कर रही है। राजस्थान विधानसभा में 200 सीटों में से वर्तमान में एक भी गुजर समाज से भाजपा के टिकट पर विधायक नहीं जीता है । ऐसे में भाजपा आसींद में देवनारायण कॉरिडोर बनाकर गुर्जर समाज को अपनी तरफ मोड़ने की कोशिश कर रही है।
भगवान देवनारायण की सर्वाधिक मान्यता गुर्जर समाज में है लेकिन इसके अलावा किसान व अन्य पशुपालक वर्ग भी जाति समुदाय में भगवान देवनारायण को पूजा जाता है और यही कारण है कि कॉरिडोर बनाकर भाजपा गुर्जर समुदाय को अपनी तरफ खींचने का एक प्रयास कर रही है और गुर्जर वोट बैंक इससे उनकी तरफ चुका होगा यह स्वाभाविक है ।
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 12 लोकसभा सीटें ऐसी है जहां पर गुर्जर समाज का वोट बैंक काफी महत्वपूर्ण भूमिका चुनाव में निभाता है ऐसी लोकसभा सीटों में टोंक सवाई माधोपुर करौली धौलपुर भरतपुर दौसा भीलवाड़ा अजमेर झालावाड़ कोटा बूंदी जयपुर ग्रामीण झुंझुनू अलवर चित्तौड़गढ़ और बांरा है यहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या के मामले में अगर देखा जाए तो वह दूसरे तीसरे और चौथे नंबर पर आते हैं।
इसी तरह राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से करीब 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां गुर्जर समाज के मतदाता हार जीत में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें जयपुर की विराटनगर जमवारामगढ कोटपूतली इसके अलावा टोंक मालपुरा देवली सवाई माधोपुर खंडार दौसा सिकराय भरतपुर बयाना हिंडोली जहाजपुर आसींद मांडल शाहपुरा दूदू अलवर लक्ष्मणगढ़ टोडाभीम लालसोट बेगू कोटा उत्तर झालरापाटन किशनगढ़ पुष्कर नसीराबाद मसूदा केकड़ी
करौली बूंदी आसींद खेतड़ी इन नीमकाथाना बहरोड बानसूर केशोरायपाटन नदंबई कामा चाकसू इसी विधानसभा सीटें हैं जहां गुर्जर मतदाताओं का अच्छा खासा दबदबा है और भाजपा इसी को ध्यान में रखते हुए आसींद में कॉरीडोर बनाकर गुर्जर मतदाताओं गुर्जर समाज का झुकाव अपनी और करना चाह रही है अब इसमें कितनी सफल होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।