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पुष्कर के नाथू के नगाड़े की धूम विदेशी धरा तक,विदेशी भी रहे सीख - Dainik Reporters

पुष्कर के नाथू के नगाड़े की धूम विदेशी धरा तक,विदेशी भी रहे सीख

Dr. CHETAN THATHERA
3 Min Read

पुष्कर/(दिनेश पाराशर)/ आज के इसआधुनिक युग में आधुनिक नए-नए वाद्य यंत्रों का चलन कार्यक्रमों व चाहे संस्कृति हो या धार्मिक में होने लगा है लेकिन आज भी पुराने और प्राचीन वाद्य यंत्र अपनी अलग ही पहचान रखते है ।

ऐसा ही एक प्राचीन और पारंपरिक वाद्य यंत्र नागाढा जो पहले कभी युद्ध के समय बजाया जाता था आजकल वही नगाड़ा प्रत्येक शुभ कार्यों में धार्मिक कार्यक्रमों में शादी समारोह में बजाया जाता है और इस प्राचीन पारंपरिक वाद्य यंत्र नगाड़े को तीर्थ नगरी पुष्कर के नाथू लाल सोलंकी बजाने की कला को कायम रखे हुए हैं और उनकी यह कला पुश्तैनी होकर तीन पीढ़ी से चली आ रही है अब नाथू सोलंकी के नगाड़े बजाने की गूंज सात समुंदर पार विदेशी धरती तक गूंज रही है यही नहीं विदेशी पर्यटक राजस्थान में पुष्कर आकर नाथू सोलंकी से नगाड़ा बजाने की कला सीख रहे और इस नगाड़े की थाप पर थिरक रहे हैं ।

पारंपरिक वाद्य नगाड़ा पुष्करमेले मे छाया हुआ है ।इस वाद्य यंत्र को  मेले में विदेशी बजाते नजर आ रहे है  यह  सिलसिला यही नही थमा इस  नगाड़े को तीन पीढियां एक साथ बजा रही है। इसे बजाने वाले पुष्कर के नाथू सोलंकी 50 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं वहा अपनी नगाडा बजाने की कला का प्रदर्शन कर चुके है तथा कई सिलेब्रिटीज के साथ भी नगाडा बजाने का कार्यक्रम कर चूके है । नाथू सोलंकी पुष्कर में मेले में जगह-जगह पर नगाड़े बजाकर सभी का दिल जीत रहे हैं ।अब तक हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक नाथू सोलंकी से नगाड़ा सीख चुके हैं

नगाड़ा पहले युद्ध में बजाया था आजकल वह नगाड़ा प्रत्येक शुभ कामों में धार्मिक कामों में बजाया जा रहा है । पुष्कर आई विदेशी पर्यटक ने बताया कि वह बहुत भाग्यशाली है कि वह नगाड़ा बजा रही है उसके लिए एक फैशन बन गया है और खासकर सन सेट और घाट पर नगाड़ा बजाकर अपने आप को भाग्यशाली समझ रही है।

माल्टा की जैनिस का कहना

सात समंदर पार से पुष्कर घूमने आई माल्टा की रहने वाली जैनिस नामक विदेशी युवती ने बताया कि मैं बहुत भाग्यशाली है जोकि नगाड़े बजा रही है खासकर पुष्कर मेले में उसके लिए बहुत सम्मानजनक बात है।

पंरपरा बनाए रखना मेरी..

नगाड़ा वादक नाथू ने बताया कि वह इस राजस्थानी परंपरागत वाले वाद्य यंत्र को बहुत ही आगे बढ़ाना चाहते हैं और इसमें उसको सफलता भी मिल रही है ।

अब पोता भी ..

नाथू जी की पोत्र वंश बताते है कि चार साल से वह दादा के साथ नगडा बजाते है । उन्हें बहुत अच्छा लगता है ।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम