केकड़ी। गुलाब जल और इत्र व केवड़े की महक, कुल के छींटे देने की होड़, सूफियाना कव्वालियों पर झूमते अकीदतमंद,शहनाई व शादियाने की गूंज के बीच दुआ में उठे हजारों हाथ,
जूनिया कस्बे के जयपुर रोड पर स्थित मुर्शिद नगर में हजरत ख्वाजा सूफी अब्दुर्रज्जाक शाह के 12 वें सालाना उर्स में तीसरे दिन कुल की रस्म के दौरान गुरुवार को यह नजारा दरगाह में देखने को मिला।
बुधवार देर रात महफिले समाअ का आयोजन हुआ जिसमें कई दूर दराज के एक दर्जन से अधिक कव्वाल पार्टियों ने हजरत सूफी अब्दुर्रज्जाक शाह कि शान में.. जिंदा हूं इसलिए कि हमें तुमसे प्यार है हुस्ने जमाले ये दिल बेमिसाल है ख्वाजा रज्जाक मियां,, ……,,मोह पै दया करो महाराजा ख्वाजा हसन के लाल …….
रूबा रूवें यार मैं तो रूबरू यार…
सहित कई सुफियान कलाम पेश किये। दूरदराज से आए जायरीनों का दरगाह में चादर व फूल पेश करने का सिलसिला जारी रहा। गुरुवार सुबह कुरान ख्वानी,कुल की रस्म दरगाह के सज्जादानशीन सुफी डॉ.अब्दुल लतीफ शाह (अन्ना मिया ) व पटना के हजरत सैयद समीउद्दीन अहमद साहब की सरपरस्ती में अदा की गई। महफिल खाने में सुबह 11 बजे कूल की महफिल शुरू हुई। जिसमे असलम व फहीम जयपुरी कव्वाली एंड पार्टी ने…..
आज रंग है ऐ मां रंग है री,सुफी रज्जाक के घर रंग हे……
कलाम पढ़ा तो जायरीन अपने पीर के रंग में रंग गए। लोग झूमने को मजबूर हो गए। वहीं पटना के हजरत सैयद समीउद्दीन अहमद साहब ने तकरीर पेश की। दोपहर 1:00 बजे कुल की फातिहा के बाद दुआ हुई। जिसमें मुल्क में अमन में भाईचारे के लिए दुआ मांगी गई। व देर शाम गुलपोशी, जश्ने जरागां, हल्काअ जिक्र, मुशायरा व महफिले समाअ आयोजन हुआ।
संदल शरीफ का जुलूस आज सुबह
सूफी ड्रा.लतीफ शाह ने बताया कि 17 मई शुक्रवार को सुबह कुरान ख्वानी के बाद 9 से 10 बजे अंबा रोड पर स्थित महफिल खाने से संदल शरीफ का जुलुस कस्बे में गस्त करता हुआ 11 से 12:00 तक दरगाह शरीफ पहुंचेगा। जहां पर रस्मे संदलपोशी, महफिले रंग व दुआ के बाद चार दिवसीय उर्स का समापन होगा।