आधुनिक भारत में संविधान एक महाकाव्य के समान है, जिसका महत्व श्रीमद्भगवतगीता जैसा है-सतीश पूनिया

liyaquat Ali
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  • सतीश पूनिया ने अजमेर और किशनगढ़ में किया छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन

    Jaipur news /Dainik reporter -भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां (Dr. Satish poonia) शनिवार को पृथ्वीराज चौहान की नगरी में देश की तरुणाई से हुये रूबरू। मौका था, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर एवं किशनगढ, अजमेर के श्री रतनलाल कंवरलाल पाटनी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन।

इस अवसर पर छात्रों एवं गणमान्य लोगों का संबोधित करते हुये डाॅ. सतीश पूनियां ने 26 नवम्बर को भारत के संविधान  को 70 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा और आशा जताई कि सभी छात्र संविधान की रक्षा में सदैव तैयार रहेंगे। आधुनिक भारत में संविधान एक महाकाव्य के समान है, जिसका महत्व श्रीमद्भगवतगीता जैसा है।

उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुये कहा कि वे विद्यार्थियों के मध्य आकर सदैव भारत के भविष्य को देखते थे। वे कहते थे, युवाओं में परमाणु बम जैसी ऊर्जा होती है। बम तो केवल विध्वंस कर सकता है, लेकिन युवाओं में सृजन की शक्ति होती है, वे देश और समाज को बदल सकते हैं।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान से देश में कई बड़े बदलाव आए हैं। स्वच्छता के प्रति और सिंगल यूज प्लास्टिक बंद हो, जनता में जागरूकता आई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के स्वाभिमान को जिंदा रखने का काम किया है। क्या हम कल्पना कर सकते थे कि दुनिया का सबसे बड़ा पूंजीपती देश, जिसकी पूरी दुनिया में धाक है, उस देश का राष्ट्रपति आपके प्रधानमंत्री के लिये लाल कालीन बिछाकर खड़ा हो जायेगा। यह सब हमारे हिन्दुस्तान के नौजवानों की ताकत है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि जातिवाद और भ्रष्टाचार से लड़कर ही विद्यार्थी देश और समाज का भला कर सकते हैं। आजकल इंटरनेट और सोशियल मीडिया का जमाना है। इसमें युवाओं का योगदान अधिक है। इस देश में चल रहे एक ही परिवार के राज को समाप्त करने में युवाओं के साथ सोशियल मीडिया का भी बड़ा योगदान रहा है। भारत युवाओं का देश है, युवा ही देश का भविष्य हैं।

यह लोकतंत्र हमें आसानी से नहीं मिला है। आप सब जो नारा लगा रहे हो, भारत माता की जय, वंदेमातरम् इन नारों का अभिमान किसने दिया।  वे भारत के नाम और अनाम शहीद हैं, जिन्होंने पहले मुगल और फिर अंग्रेजों से संघर्ष करके भारत को दोबारा खड़ा किया। भारत जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि जीता जागता राष्ट्र है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यही भारत की विश्व में पहचान है।

इस लोकतंत्र को हमने जिंदा, अक्षुण्ण और संरक्षित रखा। 25 जून, 1975 को इस लोकतंत्र पर पहरा बिठा दिया। हिन्दुस्तान की आजादी छीन ली। इस आपातकाल के खिलाफ आजादी के बाद सबसे बड़ा आंदोलन हुआ, जो जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हिन्दुस्तान के तमाम विद्यार्थी संगठनों ने किया। आपातकाल हटाना पड़ा। देश में फिर से लोकतंत्र की स्थापना हुई। इसलिये अपनी शक्ति को पहचाने। लोकतंत्र की परम्परा के साथ आगे बढ़ें।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां के साथ सांसद भागीरथ चैधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, सुरेश रावत, शंकर शिव रावत, जिलाध्यक्ष बी. पी. सारस्वत,  शिवशंकर हेड़ा, रामस्वरूप उपस्थित रहे।

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