भीलवाड़ा / भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस के युवा( प्रशिक्षु आईएएस IAS) ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जो सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के नेताओं के लिए फांस नहीं बन गया बल्कि उनके उड़ते पंखों पर विराम भी लगा रहा है । यह फरमान कितना कारगर होगा और क्या गुल खिलाएगा यह कहना मुश्किल है।
सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पिछले कुछ दिनों से भीलवाड़ा जिले में शिविर के दौरान सत्ता पक्ष कांग्रेस के नेता विपक्षी दल भाजपा के नेताओं को शिविर के दौरान कुर्सियां नहीं मिलने से आपस में खिंचा तान करने नारेबाजी करने एक दूसरे के द्वारा शक्ति प्रदर्शन बताने की परंपरा सी चल रही है तो कहीं शिविर में अमर्यादित शब्दों का उपयोग हो रहा है और कहीं शिविरो मे जनप्रतिनिधिगण डीजे लेकर अपने समर्थकों के साथ पहुंचते है इन्हीं सब पर विराम लगाने के लिए मांडलगढ़ के उपखंड अधिकारी उत्साह चौधरी( प्रशिक्षु आईएएस )ने लिखित में एक दिशा निर्देश जारी करते हुए मांडलगढ़ उपखंड के शिविरों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
IAS प्रशिक्षु उत्साह चौधरी की गाइडलाइन के बिन्दु
1– शिविर के दौरान अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को माला और साफा पहनाकर स्वागत नहीं किया जाएगा ।
2– शिविर के दौरान मुख्य मंच पर केवल 3 कुर्सियां ही लगाई जाएगी जिस पर शिविर प्रभारी सह शिविर प्रभारी और विकास अधिकारी बैठेंगे और माइक केवल शिविर प्रभारी के पास ही रहेगा।
3– शिविर के दौरान जनप्रतिनिधियों के लिए मंच के दाएं और केवल पांच कुर्सियां लगाई जाएगी ।
4– शिविर स्थल पर डीजे लगाया जाना और किसी भी प्रकार का प्रदर्शन व रेली प्रतिबंधित होगी।
5– शिविर में राजनीतिक गतिविधियां एवं राजनीतिक उद्बोधन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा तथा जनप्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वह आम जनता के कार्य के लिए शिविर प्रभारी को बताएं ।
प्रशिक्षु IAS ने लिया आदेश वापस
सूत्रो के अनुसार प्रशिक्षु आईएएस उत्साह चौधरी ने यह आदेश कल जारी किया था और इस पर बवाल होने से उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा और आज उन्होंने इस फरमान को वापस ले लिया के अनुसार बताया जाता है कि प्रशिक्षु आईएएस चौधरी ने फरमान जारी करने से पहले जिला कलेक्टर शिव प्रकाश एम नकाते को भी अवगत नहीं कराया और जनप्रतिनिधियों के नाराजगी के बाद चौधरी को बैकफुट पर आना पड़ा और अपना यह फरमान आज वापस लेना पड़ा