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तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब नहीं करना पड़ेगा इंतजार - Dainik Reporters

तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब नहीं करना पड़ेगा इंतजार

Dr. CHETAN THATHERA
5 Min Read

नई दिल्ली/ तलाक लेने वाले दंपतियों को अक्सर लंबा इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसमें राहत देते हुए आपसी सहमति से तलाक लेने बालों को बड़ी राहत दी है और अब उन्हें तलाक के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा ।

तलाक के मामले में कल सुप्रीम कोर्ट ने दी अपने महत्वपूर्ण फैसले कहते हैं स्पष्ट कर दिया कि अगर पति पत्नी के बीच रिश्ते इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अब ठीक होने की कोई आस नहीं है तो इस आधार पर तलाक को मंजूरी दी जा सकती है ऐसे मामले में अब तक यह था कि 6 महीने पति पत्नी को तलाक के लिए इंतजार करना पड़ता था।

लेकिन अब ऐसे मामले में पारिवारिक न्यायालय की बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट से तलाक लिया जा सकता है न्यायाधीश एसके को न्यायाधीश राजीव खन्ना न्यायधीश एएस ओका ने यह निर्णय दिया।

प्रेम कोर्ट के समक्ष ऐसी कई याचिकाएं दायर हुई थी जिसमें कहा गया था कि आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए इंतजार करना जरूरी है क्या? याचिका में मांग की गई थी कि हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13Bके तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए निर्धारित समयावधि में छूट दी जा सकती है।

या नहीं ? सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस पर भी विचार किया कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत वह कोई ऐसा आदेश या डिग्री जारी कर सकता है जिसके तहत तलाक का आदेश दिया जा सकता है जबकि एक पक्ष तलाक का विरोध कर रहा हो 

सुप्रीम कोर्ट के 5 नए देशों की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं और आपसी सहमति से तलाक के लिए 6 महीने का इंतजार करना 6 महीने की समय

अवधि खत्म की जा सकती है और अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट का ऐसा आदेश या डिग्री पास करने का अधिकार देता है जो अदालत के सामने लंबित किसी भी मामले में पूर्ण न्याय के लिए जरूरी है 

क्या तलाक का प्रावधान और क्या है तलाक लेने के आधार

कानून में 1955 के हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13 में तलाक का प्रावधान है इसमें उन परिस्थितियों का उल्लेख है जब तलाक लिया जा सकता है इसके अतिरिक्त देश में आपसी सहमति से भी तलाक लेने का उल्लेख है कानून की धारा 13 बी मैं आपसी सहमति से तलाक का उल्लेख है लेकिन इसमें यह तलाक तभी लिया जा सकता है ।

जब शादी को 1 साल पूरा हो चुका हो इसके साथ ही इसमें फरवरी कोर्ट दोनों पक्षों को 16:00 के लिए कम से कम 6 महीने का समय देता है और फिर भी सुला नहीं होती तो तलाक हो जाता है सुप्रीम कोर्ट मैं इसी 6 महीने के इंतजार को चुनौती दी गई थी इस नाते में कहा गया था कि आपसी सहमति से तलाक हो रहा है तो 6 महीने का इंतजार करने की जरूरत क्या है ?

तलाक का आधार

1- पति या पत्नी में से कोई भी शादी के बाद अपनी इच्छा से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाता हो

 

2- शादी के बाद अपने साथी के साथ मानसिक और शारीरिक क्रूरता का बर्ताव हो

 

3- बिना किसी ठोस कारण के 2 साल अथवा उससे अधिक लंबे समय से अलग रह रहे हैं 

 

4- दोनों पक्षों में से कोई एक हिंदू धर्म को छोड़कर दूसरा धर्म अपना लेता हूं

 

5- अगर दोनों में से कोई एक कुष्ठ रोग से पीड़ित हो 

6-पति या पत्नी में से कोई एक संक्रमण एवं रोग से पीड़ित हो

7- पति या पत्नी में से कोई घर परिवार छोड़कर सन्यास ले ले

8- पति या पत्नी में से कोई एक के जीवित रहने की कोई भी खबर 7 साल तक नहीं मिली हो

9- शादी के समय पत्नी की उम्र 15 साल से कम रही हो तो वह 18 साल की होने से पहले तलाक ले सकती है

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम