कानूनी प्रक्रिया बिना किसी को थाने में बंदी बना नही रख सकते- सुप्रीम कोर्ट 

Dr. CHETAN THATHERA
2 Min Read
File Photo - SUPRME COURT

नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने नियम विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया के बिना किसी को भी बंदी बनाकर नहीं रखे जाने की हिदायत देते हुए सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया है 

सुप्रीम कोर्ट ने नियम विरुद्ध किसी को बंदी बनाकर रखने को लेकर बड़ी टिप्पणी की है करते हुए सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्य की जिम्मेदारी अपराध रोकने और सुरक्षा बनाए रखने की है, लेकिन इसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता बाधित नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के बिना किसी को बंदी बनाकर नहीं रखा जाना चाहिए और सीआरपीसी की धारा 167 के अनुसार, अगर जांच एजेंसी हिरासत के दिन से 60 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में असफल रहती है तो आरोपी स्वत: जमानत पाने का पात्र होगा।

कुछ अपराधों में इस अवधि को बढ़ाकर 90 दिन तक किया जा सकता है। दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167(2) के प्रावधान (ए) में उल्लेखित 60/90 दिनों की डिफॉल्ट जमानत अवधि की गिनती करते हुए ।

हिरासत की तिथि को उसमें जोड़ा जाए या नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस कानूनी प्रश्न पर विचार करते हुए टिप्पणी की है । न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 167 के तहत उल्लेखित 60/90 दिनों की अवधि की गिनती मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपी को हिरासत में भेजे जाने के दिन से होगी।

संविधान पीठ ने कहा, ”इस अदालत का मानना है कि कानूनी प्रक्रिया के बगैर किसी को बंदी बनाकर नहीं रखा जाना चाहिए और राज्य की जिम्मेदारी अपराध रोकने और सुरक्षा बनाए रखने की है, लेकिन इसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता बाधित नहीं होनी चाहिए।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम