नई दिल्ली/ आतंकी संगठन के साथ मिलकर भारत में देश विरोधी और आतंकी घटनाएं करने के आरोप में केंद्र सरकार द्वारा 3 माह पूर्व भी प्रतिबंधित किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) पर आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA ) मैं केरल 6 से अधिक जिलों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 56 ठिकानों पर एक साथ छापे की कार्रवाई शुरू की है।
केंद्र सरकार ने आई एस आई एस (ISIS) जैसे आतंकी संगठनों के साथ जुड़ने का आरोप लगाते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों पर 28 सितंबर को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए ( UAPA ) के तहत 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था ।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया तथा उसके सहयोगी संगठनों के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और इसके बाद से ही लगातार जांच दिन से इन से जुड़े लोगों पर शिकंजा कसने का काम कर रही है ।
सूत्रों के अनुसार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया प्रतिबंधित होने के बाद अन्य अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से संपर्क में था और उनके जरिए फंड जुटाने की कोशिश की जा रही थी तथा दूसरे नाम से पीएफआई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) को एक बार फिर से खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे थे।
इसका इनपुट मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जो पीएफआई के सदस्य हैं और ओवरग्राउंड होकर कार्य कर रहे हैं अर्थात अधिकारिक रूप से वह पीएफआई संगठन में शामिल नहीं है।
लेकिन वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के लिए काम कर रहे हैं की सूचना पर आज कोल्लम पठानमथिट्टा मलप्पुरम अलप्पुझा एर्नाकुलम शहीद कुछ जिलों में पीएफआई के ऐसे 56 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है और खबर लिखे जाने तक राजेश सिंह की यह कार्यवाही जारी थी।
देश में केरल में ही सर्वाधिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सक्रिय सदस्य हैं और केरल में सितंबर माह से लेकर अब तक जांच एजेंसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ पांच बड़े छापे मारे हैं लेकिन इसके बाद भी उनकी गतिविधियां अभी तक जारी है।
1 माह पहले ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगे प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी तिहाड़ जेल में बंद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नासिर पाशा ने 27 अक्टूबर को यह याचिका दायर की थी।
जिस पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने 28 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और सिंगल बेंच के न्यायाधीश नाग प्रसन्नामे 30 नवंबर को फैसला सुनाते हुए नासिर पाशा की याचिका खारिज कर दी थी।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का प्रादुर्भाव 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट कर्नाटक फॉर्म फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनीता नीति परसई को मिलकर बनाया गया था।