2000 का नोट अब चलन से बाहर 30 सितंबर तक बैंक से बदल सकते हैं नोट

Dr. CHETAN THATHERA
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नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 7 साल पहले नोटबंदी के बाद चरण में लाएगा या ₹2000 का नया नोट अब 7 साल बाद वापस चलन से बाहर कर दिया गया है लेकिन नोट अमान्य नहीं होगा मान्य होगा परंतु चलन में नहीं होगा बैंक से नोट 30 सितंबर तक बदला जा सकते हैं ।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज इस संबंध में एक आदेश जारी किया है जिसके तहत ₹2000 का नोट सरकुलेशन से अर्थात चलन से वापस ले लिया गया है लेकिन यह नोट अमान्य नहीं होगा और आरबीआई ने बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट लेकर बदलने के निर्देश दिए हैं एक बार में अधिकतम ₹20000 की कीमत के नोट ही बदले जाएंगे अब बैंक ₹2000 के नोट ग्राहकों को नहीं देगा ।

₹2000 का नोट 2016 में में उस समय मालन में आया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करते हुए नोटबंदी की थी और उसकी जगह 500 के नई डिजाइन का नोट और ₹2000 का नोट चलन में लाए थे इसके पीछे का उद्देश्य यह था कि कालाबाजारी को बंद करना हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2019 से ही ₹2000 के नए नोटों की छपाई बंद कर दी थी।

मोदी सरकार ने जब 2016 में नोटबंदी की थी उसके पीछे सरकार का मकसद यथा की कालाबाजारी करके जमा किया और भ्रष्टाचारियों के द्वारा जमा किया हुआ काला धन बाहर आएगा जो करीब 3 से 400000 करोड रुपए होगा लेकिन सारी कवायत के बाद भी करीब डेढ़ लाख करोड रुपए ही बाहर आया।

RBI की रिपोर्ट क्या कहती है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सन 2016-17 से लेकर सन 2021-2022 तक की जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6849 करोड़ों रुपए की करेंसी नोट छापे थे उनमें से 1680 करोड से ज्यादा करेंसी नोट चलन से बाहर हो गए हैं। चलन से गायब हुए हैं।

उन नोटों की वैल्यू9.21 लाख करोड़ रुपए हैं इन गायब नोटों में से वह नोट भी शामिल है जिन्हें खराब हो जाने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नष्ट कर दिया कानून के अनुसार जिस पर टैक्स नहीं चुकाया गया है ।

वह काला धन माना जाता है और अब तक चाय उत्तर प्रदेश के चुनाव हो या पश्चिम बंगाल के मंत्री के घर छापा हो या देश में कहीं भी छापे पड़े हो उनमें जो काला धन बरामद हुआ है उनमें 500 और 2000 के नोटों के बंडल ही मिले हैं ।2016 से अब तक 500 और 2000 के 6849 करोड़ नोट छापे गए जो इस तरह हैं।

2016-17 मैं 2000 के 350 करोड़ और 500 के 725 करोड 2017-18 में 2000 के15.10 करोड़ और 500 के 969 करोड़ तथा 2018-19 में 2000 के 4 70 करोड 500 के 1147 करोड़ तथा 2019-20 में 2000 के शुन्य नोट अर्थात छापे ही नहीं गए ।

500 के 12 सौ करोड़ और 2020-21 में 2000 के नोट छापे ही नहीं गए ₹500 के 1157 करोड़ रुपए और 2021-22 में 2000 के नोट छापे ही नहीं गए और 500 के 1280 करोड़ में छापे गए। तथा पिछले 6 सालों में 500 और 2000 के करीब 400 करोड रुपए नष्ट किए गए।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम