भीलवाड़ा/ देश की सीमाओं को लेकर तो विवाद होते ही रहते हैं और कभी-कभी प्रदेश की सीमाओं को लेकर भी विवाद की घटनाएं सुनने को मिलती है लेकिन अब जिले की सीमाओं को लेकर उनके साथ-साथ स्थान के समांकन को लेकर भी विवाद और आमजन के लिए परेशानी की स्थिति बनी हुई है और प्रदेश में यह स्थिति कांग्रेस शासन में बनाए गए नए जिलों के दौरान किए गए सीमांकन को लेकर और ज्यादा हो गई है।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भीलवाड़ा अजमेर मार्ग पर स्थित रायला के ग्राम वासियों और रायला से चंद कदम दूरी पर स्थित ग्रामीण की परेशानी मुसीबत नजर आ रही है और यह मुसीबत इस सेक्टर के लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है ।
नेशनल हाईवे 48 पर भीलवाड़ा-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित रायला थाना नवगठित शाहपुरा जिले मे है और रायला थाने से मात्र 1 से 5 किलोमीटर की दुरी पर बसे गाँव भीलवाडा जिले मे होकर गुलाबपुरा थाने के अधीन है । ऐसे मे इन गांवो के लोगो को अपनी समस्या को लेकर 40 किलोमीटर दूर गुलाबपुरा तथा लगभग 35 किलोमीटर दूर शंभूगढ़ थाने में अपनी शिकायत लेकर जाना पडता है ।
आए दिन गावों में वाद विवाद, अपराध, चोरी, लुट जैसी कई सगीन वारदात व घटनाएं घटित होती रहती है। अधिक दूरी होने के चलते गुलाबपुरा व शंभूगढ़ थाना पुलिस अपराध होने घटना होने की स्थिति मे समय पर नहीं पहुच पाती है। जिसके चलते अपराधियों को फरार होने या बचाव का मौका मिल जाता है तथा अपराधियों के हौसले बुलंद होते है ।
बागा का खेड़ा गांव के रहने वाले सुरेश कुमावत सहित ग्रामीणो का कहना है कि जिस समय गांव रायला थाना क्षेत्र में था जब रात्रि गश्त भी हुआ करती थी और जब से यह थाना क्षेत्र गुलाबपुरा में लगा तब से रात्रि गश्त भी नहीं होती है।
ग्राम वासियों ने मांग उठाई की रायला को भीलवाड़ा जिले में रखने के साथ ही रायला थाना क्षेत्र में आस पास के गावो को भी रालया थाना क्षेत्र मे ही जोड़ा जाए जिससे की जनता को राहत मिल सके।