भीलवाड़ा/ चुनाव के दौरान जिस तरह बिहार उत्तर प्रदेश में हिंसा झगड़ा दंगे फसाद हत्याएं हमले घटित होते हैं इसी तरह का माहौल और रंग अब राजस्थान के सबसे शांत समझे जाने वाले भीलवाड़ा में नजर आने लगा है ।
विदित है की बिहार और उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान चुनाव चाय लोकसभा के हो विधानसभा के हो निकाय हो या पंचायत को हो इन सब चुनाव में वहां पर अपनी अपनी पार्टी के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए इतने कट्टर बन जाते हैं कि बातचीत के दौरान और चर्चा के दौरान बहस और बहस के बाद फिर हत्या दंगा हिंसा मारपीट तोड़फोड़ की घटनाएं घटित हो जाती है ।
वही कई बार आपसी रंजिश को भी इन चुनाव में बदला लेकर उसे चुनावी रंग दे दी देते हैं इसी तरह राजस्थान की सबसे शांत और सभ्यता संस्कृति वाला भीलवाड़ा जिले में भी पहली बार विधानसभा चुनाव में बिहार उत्तर प्रदेश की तरह की घटनाएं गठित हुई है 2 दिन पूर्व भीलवाड़ा जिले की मांडल विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी उदयलाल भड़ाना के समर्थन में निकाली जा रही ।
समर्थकों की रैली पर पथराव और उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटना घटित और दो दिन भीलवाड़ा शहर में बीती रात को आपसी रंजिश को लेकर एक किशोर दूसरे किशोर की चाकू को कर हत्या कर दी आपसी रंजिश को हुई इस हत्याकांड को राजनीतिक रंग देकर भीलवाड़ा शहर का माहौल चुनाव के समय में बिगड़ने का प्रयास किया गया ।
क्या भीलवाड़ा की जनता और भीलवाड़ा के नेता चाहे में किसी भी राजनीतिक दल से और संगठन से ताल्लुक रखते हो भीलवाड़ा की संस्कृति को इस तरह मिटाने में विश्वास रखते हैं क्या भीलवाड़ा की शांति और सुकून को इस तरह बिगड़ना में विश्वास रखते हैं कहां जा रहा है हमारा भीलवाड़ा और हम इस पर हम सभी को मंथन करना चाहिए।
चुनाव तो आज है कल समाप्त हो जाएंगे लेकिन इन चुनावो को लेकर आपस में वैमनस्यता मनमुटाव झगड़ा प्रसाद और आपसी संबंध क्यों बिगड़ रहे हैं यह राजनीति है आज यहां नेता एक दूसरे के दुश्मन है सिर्फ सत्ता और सीट के लिए कल वही दुश्मन अपने फायदे के लिए दोस्त बन जाएंगे तब आप और हम जो उनके लिए आपस में संबंध बिगड़ने हैं कहां जाएंगे और नेताओं को भी सोचना चाहिए सत्ता और कुर्सी के लिए जनता और कार्यकर्ताओं को आपस में ना लड़ाएं।