जयपुर/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर घोषित रूप से बिल्कुल बच चुका है हालांकि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन राजनीतिक दलों ने एक घोषित रूप से चुनावी बिगुल बजा दिया है और इसी गाड़ी में भाजपा ने भी 2 सितंबर से परिवर्तन यात्रा के साथी राजस्थान में चुनावी शंखनाथ शुरू करने की घोषणा कर दी है और जिसकी तैयार है ।
अभी पूरी हो चुकी है लेकिन प्रदेश के चारों दिशाओं से निकलने वाली इस परिवर्तन यात्रा से ठीक 1 दिन पहले कल शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने देवदर्शन यात्रा का ऐलान कर भाजपा और राजनीति हल्के में खलबली करती है श्रीमती राजे अपनी इस देव दर्शन यात्रा के जरिए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को भी सीधी चुनौती देना माना जा रहा है।
भाजपा द्वारा प्रदेश में सत्ता वापसी के लिए चार परिवर्तन यात्राएं चारों दिशाओं से निकल जा रही है यह परिवर्तन यात्राओं का शुभारंभ 2 सितंबर से होगा जिसकी सभी तैयारियां और पूरी रूपरेखा जारी की जा चुकी है और इस परिवर्तन यात्राओं में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पार्टी का चेहरा नहीं बनाया है ऐसे में वसुंधरा राजे ने इन परिवर्तन यात्राओं से ठीक 1 दिन पहले 1 सितंबर शुक्रवार को देव दर्शन कार्यक्रम का ऐलान कर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है ।
श्रीमती राजे 1 सितंबर शुक्रवार को सेवर जयपुर से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर सीधे राजसमंद जिले में स्थित चारभुजा नाथ मंदिर पहुंचेगी यहां दर्शन करने के बाद हेलीकाप्टर से नाथद्वारा पहुंचेगी और नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन के बाद वसुंधरा राजे सीधे बांसवाड़ा जिले में स्थित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर जाएगी और माता त्रिपुर सुंदरी के दर्शन करेंगे इस एक दिवसीय धार्मिक यात्रा में वसुंधरा राजे एक जगह पर करीब डेढ़ से 2 घंटे तक रुकेंगे और इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुड़ सकते हैं ।
राज्य अपने देश में यात्रा का प्रारंभ राजसमंद जिले में स्थित चारभुजा मंदिर से कर रही हैं इसी मंदिर से श्रीमती राजा ने साल 2013 और 2018 में भी अपनी यात्राओं की शुरुआत का शुभारंभ यही से दर्शन करने के बाद शुरू किया था ।
सूत्रों के अनुसार भाजपा की परिवर्तन यात्रा ऑन के रूट का कार्यक्रम जब अंतिम रूप से फाइनल हो रहा था तब यह चर्चा थी कि राज्य को सवाई माधोपुर से शुरू होने वाली पहली परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी दी जा रही है तथा डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम से शुरू हो रही दूसरी यात्रा की कमान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के हाथ में रहेगी ।
सूत्रों के अनुसार वसुंधरा राजे दूसरी परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी अपने हाथों में चाहती थी क्योंकि इस यात्रा के मार्ग में उनके निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ भी शामिल है जबकि प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी बेणेश्वर धाम से शुरू होने वाली दूसरी परिवर्तन यात्रा की कमान अपने हाथ में रखना चाहते थे ।
ऐसे में वसुंधरा राजे द्वारा आज अचानक भाजपा की परिवर्तन यात्राओं के शुरू होने के 1 दिन पहले 1 सितंबर शुक्रवार को अपनी एक दिवसीय देवदर्शन यात्रा की कार्यक्रम का ऐलान किया है और राज्य जिन जिन स्थानों पर जाएगी वह सभी स्थान दूसरी परिवर्तन यात्रा के मार्ग में आते हैं और ऐसे में कम समय में ज्यादा भीड़ एकत्र करके राज्य एक तरह से सीधे तौर पर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को चुनौती देना माना जा रहा है।
क्योंकि मेवाड़ प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी क्षेत्र क्षेत्र माना जाता है पहले यह क्षेत्र गुलाबचंद कटारिया का माना जाता था । यह सर्वे विदितहै कि गुलाबचंद कटारिया ने ही सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनने में भूमिका निभाई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब तक तीन यात्राएं राजस्थान में निकल चुकी है पहली बार राजेंद्र सन 2002 में यात्रा निकाली थी जिसे परिवर्तन यात्रा का नाम दिया गया था 2013 में निकल गई यात्रा को शुरुआत संकल्प यात्रा का नाम दिया गया था और तीसरी बार सन 2018 में निकाली गई यात्रा को गौरव यात्रा का नाम दिया गया था तथा इसके अलावा राज्य 5 से 6 बार देव दर्शन यात्राएं निकल चुकी है