जयपुर/ राजस्थान की सभी सरकारी स्कूलों में अब पढ़ने वाले बच्चों की माताओं को भी आना पड़ेगा और दोपहर की छुट्टी तक स्कूल में ही रुकना पड़ेगा इसकी जिम्मेदारी स्कूल के प्रिंसिपल और संस्था प्रधान की होगी ।
राजस्थान के मुख्य सचिव उषा शर्मा ने इस संबंध में पिछले दिनों सरकार की मंशा के अनुरूप या आदेश जारी किया था कि सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ अब उनकी माताओं को भी हर रोज स्कूल आना पड़ेगा । छात्र-छात्राओं की माताओः को स्कूल प्रारंभ होने के समय प्रार्थना सभा से ही स्कूल में उपस्थित रहना होगा और दोपहर की छुट्टी तक रुकना होगा।
दरअसल इस आदेश के पीछे सरकार और मुख्य सचिव का उद्देश्य यह है कि छात्र-छात्राओं की मात्राएं स्कूल के ऊपर दोपहर विद्यार्थियों को मिलने वाले पोषाहार अर्थात मिड डे मील का भजन और दूध की गुणवत्ता की जांच करोगी की बच्चों को सही भोजन मिल रहा है या नहीं दूध सही मिल रहा है या नहीं ।
मिड डे मील आयुक्त चित्र गुप्ता ने इस संबंध में मुख्य सचिव के दिशा निर्देशों से की पल में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पाबंद करते हुए दिशा निर्देश दिए हैं की हर स्कूल के प्रिंसिपल व संस्था प्रधान
सप्ताह भर का कैलेंडर तैयार करेंगे जिसमें यह तय किया जाएगा कि किसी बच्चे की माता को कब बुलाना है इसके बाद एक दिन पहले माताओं को सूचना दी जाएगी माताएं प्रार्थना समय से अधिक छुट्टी तक स्कूल में रुकेगी मिड डे मील के साथ दूध वितरण व्यवस्था को देखेगी तथा इस बारे में रजिस्टर में सुझाव भी दे सकेंगे इसके पीछे सरकार और मुख्य सचिव का उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों में माताओं का भी दखल बड़े ताकि स्टार में सुधार हो सके ।
दूसरी और विभाग का मान्य है कि अगर स्कूल में माताएं रखेगी तो न सिर्फ मिड डे मील और दूध बल्कि पढ़ाई के स्तर में भी सुधार होगा देरी से आने वाले शिक्षक भी समय पर आएंगे और स्कूल से बाहर रहने वाले शिक्षक भी पाबंदी रहेगी ।
इनकी जुबानी
उच्च अधिकारियों के आदेश की पालना में इस संबंध में सभी संस्था प्रधानों और प्रिंसिपल को आदेश जारी कर दिए गए हैं की आदेशों की पालना हो
डॉ. महावीर कुमार शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय भीलवाड़ा