जयपुर/ राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब 2 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने आखिरी विधानसभा बजट सत्र के दौरान प्रदेश में नए 19 जिलों की घोषणा कर उनकी क्रियान्वित शुरू कर दी है ।
ताकि चुनाव में सरकार को इसका फायदा मिले लेकिन निर्वाचन आयोग ने होने वाले विधानसभा चुनाव पुराने 33 जिलों के आधार पर ही कराने का निर्णय लिया है और इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी भी 33 ही नियुक्त किए जाएंगे ।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पुराने 33 जिलों के आधार पर ही कराए जाएंगे और इन 33 जिलों में निर्वाचन अधिकारी जिला कलेक्टर होंगे तथा ए जिलों में नियुक्त किए गए कलेक्टर पुराने जिला कलेक्टर के अधीन ही कार्य करेंगे चुनाव को लेकर पुराने 33 जिलों के निर्वाचन अधिकारी जिला कलेक्टर का प्रशिक्षण ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल (ओटीएस) मैं कल से ही शुरू हो गया है 2 दिन के इस प्रशिक्षण में सभी जिला कलेक्टर भाग ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के पुराने सभी 33 जिलों के पास ही चुनाव की बागडोर हाथ में होगी नामांकन भरवाने से लेकर मतगणना और परिणाम जारी करने तक की सारी जिम्मेदारी पुरानी जिला कलक्टर ही संभालेंगे हालांकि व्यवस्थाओं के लिए यह कलेक्टर कार्य व्यवस्थाओं के लिए अपने अधीन नए जिलों के जिला कलेक्टर को जिम्मेदारी सोच सकते हैं लेकिन किसी भी वाद विवाद पर आखिरी निर्णय करने का अधिकार 33 जिलों के पुराने कलेक्टरों के पास ही रहेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों अर्थात कलेक्टर्स को प्रस्ताव भिजवाया था की किसी भी बूथ पर आकर 1425 से ज्यादा मतदाता है तो उन भूतों को रिवाइज करके नए बुध बनाए जाएं इस प्रस्ताव पर
कार्य करने के बाद सभी जिलों में पोलिंग बूथ की संख्या 569 बढ़ गई है वर्तमान में 200 विधानसभा क्षेत्र में कुल 5187 पोलिंग बूथ है जो अब रिवाइज के बाद बढ़कर 51756 पोलिंग बूथ हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि आयोग ने अपने प्रस्ताव में मतदाताओं की संख्या के साथ-साथ मतदाता और उसके पोलिंग बूथ की दूरी को भी 2 किलोमीटर से कम करने के निर्देश दी है ताकि मतदाता को वोट देने के लिए अपने निवास स्थान से दूर नहीं जाना पड़े।