जयपुर/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर चंद महीने बचे हैं लेकिन कांग्रेस में अभी भी मंत्री और विधायकों के बीच बवाल और टकराव, एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी का दौर नहीं थम रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री शांतिलाल धारीवाल के बयान पर पलटवार कर तंज कसते हुए कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि धारीवाल की आदत झूठे बयान बाजी करने की है ।
राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनावों मैं जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर आज तक इस शासन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसे अकेले व्यक्ति है जो जूझ रहे हैं । पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से टकराव की स्थितियां तो चल ही रही है ऊपर से दूसरी ओर सरकार के कैबिनेट स्तर के मंत्री और विधायक आपस में भी सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे ।
इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस का वह सपना कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वापस सत्ता में आए पूरा होना असंभव सा नजर आ रहा है। अगर यही हालात रहे तो कांग्रेस आपस में ही उलझ कर लड़कर अपनी हार स्वयं ही कर लेगी हालांकि भाजपा में भी एक दूसरे में टकराव की तो हालात हैं लेकिन कांग्रेस जितने नहीं है।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर मुनेश गुर्जर अपने ही निगम के अतिरिक्त आयुक्त के दुर्व्यवहार को लेकर पिछले 7 दिन से कांग्रेस के 50 पार्षदों के साथ धरने पर बैठी है और एक ही मांग है कि आयुक्त को निलंबित किया जा कर निगम से हटाया जाए ।
लेकिन सरकार चुनाव सिर पर होने के बाद भी 7 दिन बीत गए और आयुक्त को नहीं हटा सकी कल राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के आश्वासन के बाद धरना स्थगित किया गया है और 10 दिन का अल्टीमेटम देकर कि अगर 10 दिन में अतिरिक्त आयुक्त को नहीं हटाया गया और निलंबित नहीं किया गया तो वह वापस उक्त सभी पार्षदों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे ।
सरकार के खिलाफ सरकार की ही महापौर और पार्षद एक अधिकारी को निलंबन करने के लिए अगर 7 दिन तक धरना दें और फिर अल्टीमेटम दे तो यह सरकार के लिए सोचनीय और विचारणीय बात है ?
अभी महापौर श्रीमती गुर्जर का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि गहलोत सरकार के कैबिनेट यूडीएच मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने कल उदयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक तौर पर जयपुर के विकास को लेकर जयपुर के 3 मंत्रियों और 6 विधायकों को कटघरे में खड़ा कर दिया था ।
इसको लेकर आज गहलोत सरकार के कैबिनेट खाद्य आपूर्ति मंत्री जयपुर से विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत के दौरान शांतिलाल धारीवाल को आड़े हाथों लेते हुए उन पर तंज कसते हुए कहा कि धारीवाल की तो आदत ही है झूठे बयान देना और झूठे बयान देकर माहौल बनाने की कोशिश करना ।
खाचरियावास ने कहा कि जयपुर विकास में बहुत पीछे नहीं जयपुर विकास में नंबर वन है उन्होंने कहा कि हालांकि मंत्री धारीवाल ने पूरा दमखम लगा था कि कोटा में ही विकास हो जयपुर में विकास नहीं करूं लेकिन जयपुर के 3 मंत्री और 6 विधायकों में दम है और यही कारण है कि जयपुर में आज मेट्रो टनल पुलिया अंडरपास बीसलपुर का पानी जैसी सुविधाएं और विकास हुआ है।
यह विकास किसी एक मंत्री धारीवाल की ओर इशारा करते हुए के दम पर नहीं हुआ है सरकार में ताकत है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में हर विधायक और मंत्री को बराबर के अधिकार हैं ।
खाचरियावास ने कहा कि धारीवाल को पार्टी ने बहुत कुछ दिया है धारीवाल को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो पार्टी के विरोध में जाते हैं। धारीवाल ने यह बयान तब दिया जब कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल राजस्थान के प्रभारी शैलेंद्र सिंह रंधावा भी मौजूद थे उनका यह बयान ऐसे में आना गलत है और पार्टी विरोधी है और कांग्रेस के नेता होने के नाते धारीवाल को यह शोभा नहीं देता।
खाचरियावास ने धारीवाल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि धारीवाल कैसे कह सकते हैं कि जयपुर के 6-6 विधायक और 3-3 मंत्री लड़ते रहते हैं जबकि हकीकत तो यह है कि धारीवाल जी के खुद के कोटा में विधायक रामनारायण मीणा और भरत सिंह कुंदनपुर से बात ही नहीं होती कोटा में वह लड़ रहे हैं।
जबकि जयपुर में तो मंत्री विधायक साथ बैठते हैं और कोई टकराव नहीं है। धारीवाल जयपुर के मंत्री विधायकों को लेकर प्रमाण पत्र बाटंते घूम रहे हैं ना उनको शोभा नहीं देता। धारीवाल जयपुर के प्रभारी मंत्री होने के नाते उन्हें एक मीटिंग नही ली यह तो सच है ।
मुझे सच बोलने की आदत है लेकिन जयपुर में फिर भी काम हो रहे हैं और धारीवाल को जयपुर में हुए काम का पता ही नहीं है उनके पास वीडीएचडी विभाग है इसका मतलब यह नहीं होता कि वह चाहे जैसे कर लेंगे ।
खाचरियावास ने कहा कि राजनीति में आए हैं तो जनता के काम करवाना हमें आता है सामने दीवार खड़ी कर दें तो भी हम दीवार तोड़कर जनता के काम कर आएंगे विदित है कि यूडीएच मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने कल उदयपुर में कहा था कि जयपुर बहुत बड़ा शहर है लेकिन पिछड़ रहा है प्रदेश में स्मार्ट सिटी में चार शहर कोटा अजमेर जयपुर और उदयपुर है।
लेकिन सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ काम जयपुर का है मैं वही का हूं लेकर मैं कुछ नहीं कर सका 3-3 मंत्री 6-6 विधायक हैं यही सबसे बड़ी समस्या है अगर मंत्री नहीं होते ना विधायक होते तो काम समय पर पूरे हो जाते हैं ।
उन मंत्रियों और विधायकों के आपसी विवाद जो पैदा हो जाते हैं इसलिए काम अटक जाते हैं कोई कहता है कि यह योजना बना लो कोई कहता है इस को बदल दो कोई कहता है इसको करो उसी में मामला उलझ जाता है ।