राजस्थान में जहां बेसहारा लड़कियों को सहारा दिया जाता वहीं सुरक्षित नही लड़कियां,यौन शोषण,FIR फिर भी गिरफ्तारी नहीं

Dr. CHETAN THATHERA
यह दोनो फोटो एक ही व्यक्ति के हैं और यह चुरू में सीडब्ल्यूसी समिति का सदस्य है मनोज सैनी

जयपुर/ राजस्थान में पीड़ित और बेसहारा लड़कियों को सहारा देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा बालिका गृह संचालित है जहां पर बच्चियों को सहारा दिया जाता है लेकिन आश्चर्य किंतु सत्य है कि यहां पर सहारा देने के बजाय उन पीड़ित और बेसहारा लड़कियों का यौन शोषण हो रहा है।

और सबसे बड़ी बात यह है कि पीड़िता लड़कियों द्वारा पुलिस को और कलेक्टर को शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने मामला तक दर्ज नहीं किया अके हार कर पीड़िता द्वारा कोर्ट की शरण लेने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है और सरकार के पास शिकायत पहुंचने के बाद भी बालिका सुरक्षा गृह के जिसे सरकार मनोनीत करती है उसे हटाया तक नहीं गया ।

घटना राजस्थान के चूरू में स्थित बालिका आश्रय गृह की है जहां रहने वाली लड़कियों के साथ ऐसा घिनौना कार्य होता है इस जिन्होंने कार्य का खुलासा तब हुआ जब इस बालिका गृह के सीडब्ल्यूसी (CWC) सदस्य जिसे राज्य सरकार मनोनीत करती है ।

मनोज सैनी द्वारा बालिका गृह की शिकायत के बाद या रहने वाली बालिकाओं को बीकानेर बालिका गृह में स्थानांतरित किया गया सैनी की शिकायत पर बिठाई गई जांच कमेटी दोबारा बालिकाओं से की गई जांच पड़ताल और पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि शिकायतकर्ता सीडब्ल्यूसी सदस्य मनोज सैनी ही बालिकाओं का यौन शोषण करता था ।

बालिकाओं ने कमेटी को मनोज सैनी की घिनौनी करतूत के बारे में बताया कि किस तरह से ने उन्हें बात करने के बहाने अकेले कमरे में ले जाता और उनसे छेड़छाड़ करता तथा यौन शोषण करता तथा मुंह नहीं खोलने के लिए डराता धमका था।

एक लड़की ने मनोज सैनी ने कमरे में की गई गंदी हरकत तथा दूसरी ने मुंह खोलने पर सैनी द्वारा की गई पिटाई के बारे में कमेटी को बताया इन लड़कियों में पीड़ित एक लड़की जो अब 18 साल की हो चुकी ने बताया कि जब 17 साल की थी।

तब बालिका आश्रय गृह शुरू में रहती थी और उस समय सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष कमला देवी और सदस्य मनोज सैनी के साथ अन्य सदस्यों के लिए आए थे मनोज सैनी हर बार बंद कमरे में उसे और उसके साथ नाबालिग लड़कियों से बातचीत करता था वहां रहने वाले स्टाफ को बाहर भेज देता था।

28 फरवरी 2022 को भी उसने कमरे में बुलाया और उसके सीने पर हाथ रखा उसके कपड़े पकड़कर अपनी और खींचा था उससे कहा कि तुम अंदर कपड़े पहनती हो जाने पर हाथ से लगा इसी दौरान बाल कल्याण समिति चूरू के अध्यक्ष कमला देवी कमरे में आ गई।

तब उसने रोते-रोते अपनी पीड़ा और मोनू सैनी की हरकत को कमला देवी को बताया लेकिन कमला देवी ने उसका बचाव करने के बजाए उल्टा मनोज सैनी का पक्ष लेते हुए कहा कि तुम चुप रहो और सैनी जैसा कहें वैसा करो इस पर उसने अपने साथ घटित घटना की जानकारी अन्य सदस्यों को भी दी ।

लेकिन कोई कार्रवाई करने के बजाय उसे ही चुप करने के लिए कहा पीड़िता ने बताया कि जब बीकानेर शिफ्ट हो गई और 1 सितंबर को 18 साल पुराने पर बालिका गृह से निकली तब उसने हिम्मत जुटाकर 3 सितंबर को चूरू एसपी महिला थाने में लिखित शिकायत की सदर थाना चोरों को जांच के लिए कहा था ।

लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा इसके बाद से 3 अक्टूबर को कलेक्टर एसपी के साथ विधिक सेवा प्राधिकरण को भी पत्र लिखा लेकिन यहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तब हार कर उसमें 24 मई को कोर्ट में शरण लेते हुए ।

इस्तगासा दायर किया और पीड़ा बताई तक कोर्ट के आदेश पर अगले ही दिन 25 मई को कोर्ट में मामला दर्ज करने के आदेश दिए तब जाकर मेरी एफ आई आर दर्ज हुई 1 जून को मनोज सैनी के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज हुआ ।

दूसरी पीड़ित नाबालिग लड़की ने कमेटी को बताया कि मनोज सैनी ने कमरे में उसके साथ गंदी हरकत की थी उसने यह भी बताया कि उसने चूरू में पहले पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज करवा रखा है और इस कारण में बालिका गृह चूरू मैं रह रही है।

और उसके नाबालिक 25 साल के अन्य व्यक्तियों द्वारा सारिक शोषण का मामला विचाराधीन होकर कोर्ट में चल रहा है बालिका ने आरोप लगाए कि मनोज सैनी ने उसे डरा धमका कर उसके नाबालिग पतियों से सारे खिलाफ बयान बदलने के लिए तथा पोक्सो एक्ट के आरोपियों से उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध मिलवाया यही नहीं खुद के फोन से आरोपियों से बात भी कराई जब उसने बयान बदलने से मना किया तो उसकी पिटाई भी की।

जांच कमेटी के समक्ष तीसरी पीड़ित बालिका ने बताया कि वह 6 साल से चूरू के बालिका गृह में रह रही है और मनोज सैनी सैनी उसे हमेशा प्रताड़ित करता था तो उसे बालिका गृह की व्यवस्थाओं के विपरीत बयान देने के लिए भी कहा जब उसने मना कर दिया तो उसकी पिटाई की गई ।

मनोज सैनी को सरकार ने अगस्त 2020 में ही बाल कल्याण समिति चूरू के सदस्य के तौर पर नियुक्त किया था और यह सारे घटनाक्रम के बाद पिछले 6 महीने पहले बाल अधिकारिता विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सैनी के बर्खास्तगी के लिए किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए लिखा था ।

लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और यहां तक की एफ आई आर दर्ज होने के बाद भी अभी तक भी सरकार ने सैनी को बर्खास्त नहीं किया आखिर क्यों ? क्या सैनी इतना पावरफुल है कि सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रही है या डर रही है ?

क्या है नियम

राज्य सरकार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख को सरंक्षण) आदर्श नियम 2016 के संशोधित नियम 2021 में 15(4घ) मैं स्पष्ट रूप से वर्णित है कि यदि समिति के अध्यक्ष किसी सदस्य के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त होती है तो

राज्य सरकार आवश्यक जांच करेगी और 2 माह की अवधि के दौरान जांच को पूरा कर राज्य सरकार को जांच के पूरा होने 1 माह के भीतर उचित कार्यवाही करनी होगी जबकि दूसरी और इस मामले में विधानसभा में फरवरी 2022 में विभाग ने जवाब दिया कि कार्रवाई के लिए सरकार को पत्रावली भेज चुके हैं आश्चर्य की बात है कि 4 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक मनोज सैनी के खिलाफ बर्खास्तगी अन्य कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।

नियमों के तहत अगर जरूरी हो तो सरकार संबंधित अध्यक्ष और सदस्यों को तत्काल बिना जांच के लंबित करते हुए उचित अवधि के लिए अथवा जांच के पश्चात और सुनवाई का अवसर देने के पश्चात निलंबन कर सकती है इस मामले में 1 जून को एफ आई आर दर्ज होने के बाद 6 दिन बीत गए लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम यह आदेश पारित नहीं हुआ है ।

बालिका आश्रय गृह चूरू के संचालक सदस्य के सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार जब मनोज सैनी लड़कियों को एकांत में ले जाकर बातचीत करता था तब हम सभी सदस्य इसका विरोध और आपत्ति की तो उसने कमेटी के अन्य सदस्यों को फसाकर विश्वास में लेकर बालिका गृह के खिलाफ अप्रैल 2022 में एक शिकायत कर दी की बालिका गृह में नाबालिक लड़कियों की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है

और खाना पीना भी अच्छा नहीं दिया जाता तथा बच्चियों को पुराने कपड़े पहनने को दे जाते हैं इस शिकायत पर सरकार ने कार्रवाई करते हुए 4 मई 2022 को बालिका गृह से सभी लड़कियों को बीकानेर स्थानांतरित कर दिया और 17 जून 2022 से शुरू के इस बालिका गृह को बंद कर दिया था।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम