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शिक्षा विभाग- स्टाफिंग पैटर्न फेल,8 साल में 20 लाख विद्यार्थी और 8 हजार स्कूल बढे , शिक्षक नहीं कैसे होगी सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई - Dainik Reporters

शिक्षा विभाग- स्टाफिंग पैटर्न फेल,8 साल में 20 लाख विद्यार्थी और 8 हजार स्कूल बढे , शिक्षक नहीं कैसे होगी सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई

Dr. CHETAN THATHERA
3 Min Read

जयपुर/डाॅ. चेतन ठठेरा। राजस्थान में शिक्षा विभाग के माध्यमिक सेटअप में विद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई की समुचित व्यवस्था के लिए स्टाफिंग पैटर्न की शुरुआत 8 साल पहले की थी लेकिन इस व्यवस्था की समीक्षा और सुधार समय समय पर नहीं होने के कारण यह व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सी गई है ।

और इन 8 सालों में प्रदेश में करीब 20 लाख से अधिक विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में बड़े हैं और 8000 उच्च माध्यमिक विद्यालय भी बड़े हैं।

लेकिन उस अनुपात में शिक्षक विद्यालयों में नहीं बड़े ऐसे में सरकारी विद्यालयों में समुचित पढ़ाई की व्यवस्था कैसे संभव हो सकती है किस सरकार ने भी अपने 5 साल पूरे कर दिए लेकिन इस व्यवस्था में समीक्षा करते हुए सुधार नहीं किया ।

माध्यमिक शिक्षा विभाग में सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पदों का निर्धारण नामांकन अनुसार करने के लिए स्टाफिंग पैटर्न की व्यवस्था अप्रेल 2015 से लागू की तब इसमें 2015 के नामांकन के आधार पर विद्यालयों में पदों का आवंटन किया गया।

इसके बाद 8 साल में एक बार भी स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा नहीं की गई। ऐसे में विद्यार्थियों के नामांकन, तो साल दर साल बढ़ रहे हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों के पद नहीं बढ़े हैं।

प्रदेश में 17 हजार 478 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 6 से 12वीं तक के करीब 50 लाख विद्यार्थी नामांकित हैं। जबकि 8 साल पहले 9 हजार उच्च माध्यमिक स्कूल हुआ करते थे।

जिनमे 30 लाख विद्यार्थी ही नामांकित थे। साथ ही साल 2015 में स्कूलों में अनिवार्य विषय हिंदी तथा अंग्रेजी विषयों के व्याख्याता के पद होते थे। स्टाफिंग पैटर्न व्यवस्था में अनिवार्य विषयों के व्याख्याताओं के पद समाप्त कर दिए गए।

स्टाफिंग पैटर्न के बिंदु 5.4 के अनुसार हर दो साल के बाद विद्यालयों के नामांकन की समीक्षा की होनी चाहिए। इसके तहत विद्यालयों के नामांकन में कमी या वृद्धि होने पर नामांकन अनुसार पदों का पुन: निर्धारण करने की व्यवस्था है।

परन्तु वर्ष 2015 के बाद 8 साल में एक बार भी समीक्षा नहीं की गई। यदि नियमानुसार होता तो वर्ष 2017, 2019, 2021 और 2023 में चार बार समीक्षा हो जाती।

स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा बिना पुराने नामांकन अनुसार विद्यालयों में शिक्षकों के पदों का आवंटन चल रहा है। कोरोना काल में विद्यालयों के नामांकन में भारी वृद्धि हुई है।

शिक्षक संगठन स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की लगातार मांग उठा रहे हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला कई बार माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की घोषणा कर चुके हैं। परन्तु अभी तक माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा नहीं की गई है।

पदों के आवंटन की समीक्षा करने से नए पद सृजित होंगे। इससे नए शिक्षकों की भर्ती का रास्ता खुलेगा और प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम