जयपुर/ देश और प्रदेश में महंगाई ने पहले ही आमजन की कमर को तोड़ कर रख रखा है ऐसे में अब आमजन के लिए और विशेषकर सामान्य वर्ग के लिए इलाज कराना 1 अप्रैल से और महंगा होने वाला है ।
2 दिन बाद 1 अप्रैल से एंटीबायोटिक हृदय रोग से संबंधित दवाइयां दर्द निवारक दवाइयां anti-infective सहित करीब 800 से अधिक दवाइयों की कीमतें 12% तक बढ़ जाएगी। दवाओं की कोणते बढ़ाने और घटाने अर्थात दवाइयों की कीमतों का निर्धारण नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी( NPPA) करती है ।
पिछले साल ही नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने दवाओं की दरों में 10.7% की वृद्धि की थी बताया जाता है कि हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्स डब्ल्यूपीआई (WPI) के आधार पर नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी बदलाव करती है यह दरें सूचीबद्ध दवाओं की है जिनकी कीमत अथॉरिटी तय करती है ।
गैर सूचीबद्ध दवाओं की दरें इससे बाहर होती है और उनमें हर साल 10% की बढ़ोतरी होती है यह पहला मौका ऐसा बार है जब लगातार दूसरे साल सूचीबद्ध दवाओं की कीमतें गैस सूची में दवाओं के मुकाबले ज्यादा बड़ी है।
सूचीबद्ध दवाइयां जरूरी दवाओं की सूची में होती है अथॉरिटी के इस फैसले का असर 800 से अधिक जरूरी दवाइयों और मेडिकल डिवाइसेज पर पड़ेगा।
इनमें प्रमुख रूप से बुखार एंटीबायोटिक इंफेक्शन हार्ड संबंधी तथा हाई ब्लड प्रेशर चर्म रोग और एनीमिया जैसी बीमारियों की दवाइयां भी शामिल है और इससे दवाइयों की दरें 12% से अधिक बढ़ जाएंगी।
बताया जाता है कि जेनेरिक दवाइयां बहुत सस्ती होती है कुछ जेनेरिक दवाइयां तो ब्रांडेड दवाइयों से 90% तक सस्ती होती है।