नई दिल्ली/ मानहानि के मामले में सुनाई गई सजा के बाद आज लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता समाप्त कर दी है अर्थात अब राहुल गांधी सांसद नहीं रहे ।
राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है सभी चोरों का स्वर्ण मोदी क्यों होता है चाहे वह ललित मोदी हो नीरव मोदी हो और फिर चाय नरेंद्र मोदी इस बयान के बाद सूरज पश्चिम से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर का है और यह हमारे समाज की मानहानि है इस मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे और आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान हुए खुद को निर्दोष बताया था।
इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने कल दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा और ₹15000 का जुर्माना लगाया था इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट में उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी थी मानहानि के मामले में 2 साल की जेल अधिकतम सजा है अर्थात इससे ज्यादा इस मामले में सजा नहीं दी जा सकती ।
राहुल गांधी केरल के वाय नाडा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद हैं और इस मामले के बाद आज लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी है अर्थात अगर लोकसभा में सांसद नहीं रहे।
राहुल का दाग ही उन पर पड़ा भारी
सन 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने पैसा दिया था कि सांसद और विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी और वह अगला चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।
उस समय सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सबसे बड़ा असर लालू प्रसाद यादव पर पड़ सकता था क्योंकि चारा घोटाले में फैसला आने वाला था और लालू यादव की पार्टी उसमें मनमोहन सिंह सरकार का हिस्सा थी ।
ऐसे में मनमोहन सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अध्यादेश आई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए बुलाई गई थी इसमें राहुल गांधी पहुंचे और कहा कि यह अध्यादेश बकवास है उसे फाड़ कर फेंक देना चाहिए।
उन्होंने अध्यादेश को फाड़ दिया था और इसके बाद आदेश वापस ले लिया गया उस समय यह अध्यादेश पारित हो जाता तो आज राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त नहीं होती
पहले भी सांसदों की सदस्यता समाप्त
चारा घोटाला में 2013 में कोर्ट ने लालू यादव को दोषी करार देते हुए 5 साल की जेल की सजा सुनाई थी इसके बाद उनकी सांसद सदस्यता समाप्त हो गई थी और 6 साल तक वह चुनाव नहीं लड़ चुके थे
एमबीबीएस होटल में कांग्रेस के सांसद रशीद मसूद की सदस्यता भी चली गई थी काजी रशीद कांग्रेश राज्यसभा सांसद थे और उन्हें यूपी से राज्यसभा में भेजा गया था राज्यसभा सांसद रहते हुए उन्होंने एमबीबीएस सीट घोटाले में दोषी पाए गए तार कोर्ट ने 2013 में उन को 4 साल की सजा सुनाई थी इस कारण उनकी भी सांसद सदस्यता समाप्त हो गई।
हमीरपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल को 2019 में हाईकोर्ट ने एक हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी इस सजा के बाद विधायक चंदेल को रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 के तहत उनकी विधायक सदस्यता समाप्त कर दी गई थी विधानसभा से।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक रेप मामले में बांगरमऊ से भाजपा के ही विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी और तब 2019 में सजा के बाद उनकी विधानसभा से सदस्यता समाप्त हो गई थी।
15 साल पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके पुत्र विधायक दिल आजम को 15 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद के एक विशेष कोर्ट ने इसी साल 2 साल की सजा सुनाई थी ।की सजा के बाद दोनों की विधानसभा में विधायक सदस्यता समाप्त हो गई थी