भीलवाड़ा/ राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी के खास और नजदीकी माने जाने वाले भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान सतीश जोशी की कुर्सी आखिर कांग्रेस नहीं बचा पाए और अविश्वास प्रस्ताव में जबरदस्त मुंह की खानी पड़ी ।
इसका अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर इंगित करता है साथ ही यह भी बताता है कि कांग्रेस की स्थिति क्या है ?
विदित है की मांडलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान सतीश जोशी विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सीपी जोशी के बहुत खास हो नजदीकी माने जाते हैं ।
क्योंकि प्रधान सतीश जोशी का भाई मनीष जोशी डॉक्टर सीपी जोशी के निजी सचिव है और उनकी मेहनत तथा डॉक्टर जोशी के कारण ही सतीश जोशी को प्रधान का पद मिल पाया था ऐसा राजनीतिक हलकों में भीलवाड़ा में माना जाता है।
प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ पिछले 27 दिन पूर्व कॉन्ग्रेस भाजपा और निर्दलीय वार्ड पंचों ने एक साथ मिलकर 20 जनवरी को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शिल्पा सिंह आईएएस के सम्मुख उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था ।
इस अविश्वास प्रस्ताव पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शिल्पा सिंह ने 17 फरवरी को मतदान की तारीख निर्धारित की थी अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के साथी सभी 21 वार्ड पंच भीलवाड़ा छोड़कर बाहर भूमिगत हो गए थे । 20 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद भूमिगत हो गए।
सभी 21 वार्ड पंचों में से अपने पक्ष में और पंचों को करने के लिए प्रधान सतीश जोशी उनके भाई मनीष जोशी और उनकी टीम ने तोता कांग्रेस ने अभी तक प्रयास किए कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा ने तो कांग्रेस के प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ बगावत और आयशा प्रस्ताव को लेकर एक कमेटी बनाई थी और उस कमेटी कोई यह पता करना था कि किस-किस वार्ड पंच द्वारा बगावत की गई है ।
और इसकी एक रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस कमेटी जयपुर को भेजनी थी साथ ही यह भी पता लगाना था कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद भूमिगत वह कांग्रेस के वार्ड पंचायत समिति सदस्य की बाराबंदी कहां की गई है।
लेकिन यह सब करने में कांग्रेस कमेटी असफल रही और आज निर्धारित दिनांक के तहत मांडलगढ़ पंचायत समिति कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सभी 21 वार्ड पंच एक साथ मतदान करने के लिए एक गाड़ी में सवार होकर पहुंचे।
मतदान प्रक्रिया को लेकर जिला प्रशासन द्वारा गुप्ता और माकूल प्रबंध किए गए थे इधर जोशी गुट की ओर से दो पंचायत समिति सदस्यों के परिजनों ने उनके अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी लेकिन वे दोनों ही पंचायत समिति सदस्य आज अविश्वास प्रस्ताव की मतदान प्रक्रिया में नजर आए ।
पंचायत समिति में कुल 23 सदस्य हैं इनमें से 15 कांग्रेस के साथ भाजपा के और एक निर्दलीय सदस्य है इरत्ताई सदस्यों में से 21 सदस्यों ने प्रधान जोशी के खिलाफ मतदान किया केवल 1 सदस्य प्रधान जोशी के साथ था।
वरदान जोशी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के साथ ही उनके प्रधान की कुर्सी चली गई है और अब मैं प्रधान के चयन को लेकर कवायद शुरू हो गई है ।
वही भीलवाड़ा के राजनीतिक हलकों में प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ बगावत और हार को विधानसभा के अध्यक्ष को पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सीपी जोशी के साथ जोड़ा जा रहा है तो वही यह भी चर्चा है कि कांग्रेस की हालत इस अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने से आंकंलन हो गया कि क्या है कांग्रेस की स्थिति ।