सवाईमाधोपुर। राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य में सैलानियों की बहार छाएगी। इसको लेेकर वन विभाग की ओर से कवायद तेज की जा रही है। वहां पर पर्यटकों को ले जाने के लिए कई योजनाएं भी बना रहा है।
ऐसे में वह रणथम्भौर के बाद जिले का नया पर्यटन केन्द्र विकसित हो रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग की ओर से 525 लाख की डीपीआर पूर्व में स्वीकृत की गई थी। इसमें अब तक विभाग की ओर से यहां कुल 496 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
वन अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2021-22 में 178 लाख तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 318 लाख का व्यय किया जा चुका है। वहीं आगे भी विभाग की ओर से यहां पर्यटन को बढावा देने और पर्यटकों को आवश्यक सुविधा मुहैया कराने के लिए कार्य कराए जाएंगे।
वाताकूलित टेंट की सुविधा
वहीं अब पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विभाग की ओर से पर्यटकों को चंबल किनारे रात बिताने की सुविधा भी दी जा रही है। इसके लिए विभाग की ओर से पर्यटकों के लिए चंबल किनारे वाताकूलित टेंट की सुविधा की गई है।
हालांकि अभी तक पर्यटकों को यहां नाइट बोटिंग की सुविधा नहीं मिल सकेगी। वर्तमान में पर्यटक शाम छह बजे तक ही बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं, लेकिन पर्यटकों के रूझान को देखते हुए आने वाले समय में रात में भी बोटिंग की सुविधा शुरू की जा सकती है।
32 नावों का पंजीयन
वन विभाग की ओर से यहां पर हाल ही में पर्यटकों के लिए रेस्ट हाउस और प्लेटफार्म, रिसेप्सन व लॉन का भी किया निर्माण कराया गया है। इसके अलावा जलीव जीवों की मॉनिटरिेंग के लिए विभाग की ओर से वॉच टावर भी बनवाया गया है।
इससे पूर्व विभाग की ओर से यहां पर रेस्क्यू सेंटर, रेसट हाउस, टेंट आदि की सुविधा भी विकसित की जा चुकी है। इसके अलावा विभाग की ओर से पर्यटकों को बोटिंग कराने के लिए अब तक यहां 32 नावों का पंजीयन किया जा चुका है।