जयपुर। प्रदेश में शुक्रवार को चार राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में 3 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद अब राजस्थान की 10 राज्यसभा सीटों में से 6 सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा हो गया है।
राज्यसभा में अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री केसी वेणुगोपाल, नीरज डांगी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं तो वहीं बीजेपी में डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा, भूपेंद्र यादव, राजेंद्र गहलोत और घनश्याम तिवाड़ी 4 सांसद हैं।
अब अप्रैल 2024 में होगा 2 सीटों पर चुनाव
इधर राज्यसभा की 4 सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद अब अप्रैल 2024 में राज्यसभा की 2 सीटों पर चुनाव होगा। डॉ किरोड़ी लाल मीणा और भूपेंद्र यादव का कार्यकाल अप्रैल 2024 में समाप्त होगा।
अब विधानसभा चुनाव के परिणाम की गणित पर निर्भर रहेगा चुनाव
राज्यसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस पार्टी ने 10 में से 6 सीटों पर कब्जा कर लिया हो लेकिन अब दिसंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आने वाले परिणाम पर ही राज्यसभा चुनाव का गणित निर्भर करेगा। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में किस पार्टी की सरकार बनती है और संख्या बल किसके पास ज्यादा रहता है उसी आधार पर राज्यसभा सीटों का गणित तय होगा।
राजस्थान कांग्रेस के 6 में से 5 सांसद बाहरी
इधर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों में से भले ही कांग्रेस पार्टी ने 6 सीटों पर कब्जा कर लिया हो लेकिन कांग्रेस में अंदर खाने ही इसे लेकर नाराजगी अभी भी बरकरार है। दरअसल विरोध इसलिए है क्योंकि राजस्थान कांग्रेस के 6 सांसदों में से 5 सांसद बाहरी हैं।
केवल एक नीरज डांगी ही स्थानीय सांसद हैं।पार्टी में स्थानीय नेताओं को राज्यसभा में मौका देने की मांग जोर-शोर से उठाई थी लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने तीनों सीटों पर केंद्रीय नेताओं को मौका दिया। नाराजगी के बावजूद कांग्रेस के नेताओं और विधायकों ने आलाकमान के फैसले को स्वीकार किया और 3 सांसदों को वोद देकर चुनाव जिताया।
जून 2019 से पहले नहीं था एक भी सांसद
दिलचस्प बात यह है कि जून 2019 से पहले न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा में कांग्रेस का एक भी सांसद था। लोकसभा चुनाव में जहां पार्टी सभी 25 सीटों पर चुनाव हार गई थी तो यही हाल राज्यसभा में भी रहा था।
हालांकि जून 2019 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन के चलते उनकी सीट रिक्त हुई थी, जिस पर कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि तब बीजेपी ने मनमोहन सिंह के सामने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था, जिससे मनमोहन सिंह निर्विरोध राज्यसभा से चुने गए थे।