जयपुर/ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौशालाओं को 9 महीने का अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह अनुदान इसी वित्तीय वर्ष से गौशालाओं को प्राप्त होने लगेगा।
रविवार को पिंजरापोल गौशाला में राजस्थान की गौशालाओं की ओर से आयोजित हुंकार सभा में कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर सरकार द्वारा जारी एक परिपत्र गोवंश को पालने पर शहरों में लगाए गए प्रतिबंध केवल जयपुर में ही लागू रहेंगे बाकी जगह यह परिपत्र प्रभावी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के दिशा निर्देश पर राज्य सरकार ने यह परिपत्र उस दिन पहले जारी किया था। उन्होंने कहा कि गो भक्तों का समाज में सम्मान होता है ऐसे में उसका कर्तव्य बनता है कि वह भी सच्चाई के रास्ते पर चलें।
गहलोत ने मांगी माफी
सीएम गहलोत ने इस बात की माफी मांगी कि 4 दिन पहले राजस्थान गो सेवा संघ के पदाधिकारी और संत मुझसे मिलने आए थे और उन्हें मिलने की अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कहा कि विधिवत रूप से जानकारी नहीं होने के अभाव में यह हो पाता है लेकिन उनकी कोशिश रहती है कि वह सभी से मिले।
सीएम गहलोत ने कहा कि पंचायत स्तर पर नंदी गौशाला का निर्माण करने के लिए सरकार 1.56 करोड़ का अनुदान देने की घोषणा कर चुकी है इसमें कुछ परेशानी आएगी उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत संस्थाएं दानदाताओं के माध्यम से नंदी गौशालाओं को मिले तो निश्चित तौर पर इसका संचालन सही ढंग से हो पाएगा।
भाजपा से दुश्मनी नही
सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा और आर एस एस से कोई दुश्मनी नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होगी उनका कहना था कि राज में कोई भी पार्टी की सरकार रहे हिंसा की निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए पत्थर भरतपुर से जा रहा है इसको लेकर कुछ लोग मुझसे मिले थे और कहा था कि इसमें कोई परेशानी नहीं आए तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि राम मंदिर के लिए जो भी पत्थर जा रहा है वह लीगली तरीके से जाए अवैध खनन नहीं हो इसके लिए प्रधानमंत्री जी से वन विभाग के क्षेत्र में खनन हो उसकी छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा सहयोग करेगी और अब लीगली तरीके से राम मंदिर के लिए भरतपुर से पत्थर जा रहा है और जाता रहेगा।
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, गोपालन मंत्री प्रमोद भाया जैन, श्रम राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विधायक मेवाराम जैन, पचपेड़ा गौशाला के महंत राजेंद्र सिंह महाराज, राजस्थान गोसेवा संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।