Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the foxiz-core domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the fast-indexing-api domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
राजस्थान में एक ऐसा धार्मिक मेला जहां पुलिस का प्रवेश निषेध,3 लाख की जुटती भीड़

राजस्थान में एक ऐसा धार्मिक मेला जहां पुलिस का प्रवेश निषेध,3 लाख की जुटती भीड़

Dr. CHETAN THATHERA
5 Min Read

जयपुर/ राजस्थान में एक और जहां वर्तमान समय में धार्मिक आयोजनों मेले त्यौहारों को लेकर सांप्रदायिक तनाव जैसा माहौल बना हुआ है सरकार और प्रशासन तक की नींद उड़ी हुई है । हिंसक घटनाएं हो रही है ऐसे तनावपूर्ण माहौल और ऐसे समय में राजस्थान का एक ऐसा जिला जहां गौतम ऋषि महादेव मंदिर का वार्षिक मेला शुरू हो गया है इस तीन दिवसीय मेले के दौरान 3 लाख से अधिक श्रद्धालु और भक्त गण एकत्र होते हैं और धार्मिक आयोजन होते हैं और सबसे बड़ी आश्चर्यजनक किंतु सत्य बात यह है कि इस पूरे तीन दिवसीय मेले के दौरान पुलिस का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंध होता है अर्थात यहां कानून व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस की भूमिका बिल्कुल नगण्य रहती है और यहां की सारी व्यवस्था मीणा समाज और गांव के लोग ही संभालते हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सिरोही जिले में जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों से घिरे चोटिला गांव स्थित गौतम ऋषि महादेव मंदिर के वार्षिक मेले की यह मेला कल अर्थात बुधवार से शुरू हो चुका है और तीन दिवसीय इस मेले में आसपास के सहित राजस्थान और अन्य प्रदेश के भी श्रद्धालु एकत्र होंगे।

मान्यता

अरावली की पहाड़ी से गिरे सिकुड़ी नदी के किनारे चोटिला गांव में स्थित गौतम ऋषि महादेव मंदिर के वार्षिक मेले की मान्यता है कि यहां मां गंगा साक्षात दर्शन देती है। मीणा समाज के लोगों का मानना है कि मां गंगा साक्षात रूप से दर्शन देती है और इस मेले में मीणा समाज के लोग युवक-युवतियों के रिश्ते तय करते हैं।

श्रद्धालुओं का मानना है कि स्वयं मां गंगा का ” इस मेले में होता है एक निश्चित समय पर एक निश्चित जगह मां गंगा की धारा टूटती है खास बात यह कि यहां की व्यवस्था मीणा समाज ही देखता है पुलिस की वर्दी को इस मेले में प्रवेश नहीं होता है । इस मेले का इतिहास है कि आज तक एक भी विवाद नहीं हुआ है शांतिपूर्ण तरीके से लाखों लोगों के इस मेले का आयोजन अपने आप में एक मिसाल है।

मान्यता के अनुसार गौतम ऋषि महादेव मंदिर के वार्षिक मेले में मां गंगा “साल भर सुखी( बिना पानी की) रहने वाली सिकुड़ी नदी में होता है जो किसी आश्चर्य से कम नहीं है । मां गंगा का मेले में आज सवेरे 8:40 बजे अवतरण हुआ है । साल भर सुखी रहने वाली सुकड़ी नदी में आज कोई भी व्यक्ति अगर 1 फुट से भी कम गहराई तक बजरी खोदता है तो उसे गंगा मैया के दर्शन हो जाते हैं मां गंगा का “जिले में पांच जगह पर होता है।

अर्बुदाचंल की पहाड़ियों पर स्थित पिश्चानिया महादेव में 8:25 पर सारणेश्वर जी महादेव मंदिर में 8:30 पर ” अंबेश्वर महादेव मंदिर में 8:35 पर गौतम ऋषि मेले में 8:40 पर निर्धारित समय पर मां गंगा का अवतरण होता है और इसी के साथ सभी धार्मिक आयोजनों की शुरुआत हो जाती है।

बताया जाता है कि इस तीन दिवसीय मेले में करीब 3 लाख से अधिक श्रद्धालु एकत्र होते हैं यहां 500 से ज्यादा कार्यकर्ता मेले की व्यवस्थाएं संभालते हैं मेले में व्यवस्थाएं मीणा समाज के 11 परगनो के पंचों की होती है । यह 3 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल में मेला लगता है । मेले में आने वाले श्रद्धालु दो रात और 3 दिन अपने परिवार के साथ यही रहते हैं यहां बड़े और सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति भी समाज की जाजम पर पंचों के साथ ही बैठता है मेले में हथियार लेकर आना शराब पीना ओरण भूमि से हरे पेड़ काटना वीडियो शूटिंग और फोटोग्राफी पर प्रतिबंध रहता है और मेले में महिला पुरुषों पर कपड़ा बांधकर नहीं घूम सकते यह परंपरा मेले की स्थापना से ही चली आ रही है।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम