उदयपुर / राज्य सरकार ने आबकारी नीति 2022-23 व 2023-24 में आंशिक संशोधन करते हुए इसे और भी सरल बनाया है।
आबकारी आयुक्त चेतन देवड़ा ने बताया कि नई नीति में आंशिक संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने देशी मदिरा के लिए निर्धारित राशि के अलावा शेष वार्षिक गारंटी राशि के पेटे अनुज्ञाधारी को भारत निर्मित विदेशी मदिरा बियर व वाइन के साथ ही देसी मदिरा वह राजस्थान में निर्मित मदिरा के उठाव की अनुमति प्रदान की है।
इस बारे में स्पष्ट किया गया है कि मदिरा दुकान की वार्षिक गारंटी राशि में देसी मदिरा (राजस्थान निर्मित मदिरा सहित) की निर्धारित आबकारी ड्यूटी की राशि से अधिक राशि की देशी मदिरा उठाने पर उसकी गणना वार्षिक गारंटी राशि की पूर्ति में की जा सकेगी।
आबकारी आयुक्त देवडा ने बताया की इसके अलावा न्यूनतम रिजर्व प्राइस में जितने प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है उसमें देशी मदिरा का भाग बढ़ाने की आवश्यकता नहीं रहेगी बल्कि उसकी पूर्ति भारत निर्मित विदेशी मदिरा, बियर व वाइन से की जा सकेगी। अर्थात दुकान से न्यूनतम रिजर्व प्राइस में देसी मदिरा की आबकारी ड्यूटी की राशि का निर्धारण देसी मदिरा व राजस्थान निर्मित मदिरा के उठाव के आंकड़ों जनसंख्या तथा अन्य आर्थिक पहलुओं के आधार पर युक्तिकरण किया जाएगा।
साथ ही 2021-22 के अनुज्ञाधारी यदि 22-23 के लिए ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया के माध्यम से दुकान आवंटित कराना चाहते हैं उनकी जमा धरोहर राशि तथा अग्रिम वार्षिक गारंटी की राशि का समायोजन 2022-23 के लिए किया जा सकेगा यदि उन्होंने गारंटी पूर्ति कर ली हो और कोई बकाया नहीं हो।
देवड़ा ने बताया कि इन संशोधनों से नई आबकारी नीति को और भी आकर्षक बनाया गया है इससे नीलामी में भाग लेने वालों का उत्साह बढ़ा है।