भीलवाड़ा/ होली का पर्व गुरूवार को मनाया जाएगा । शास्त्रो के मतानुसार इस बार होली भद्राकाल मे मनाई जाएगी । होलिका का दहन कब और किस काल मे होगा आइए जाने ।
तीर्थ नगरी पुष्कर के पंडित कैलाश नाथ गोपीनाथ दाधीच केमतानुसार होली का पर्व होलिका दहन 17 मार्च फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी गुरुवार को पूर्णिमा का प्रारंभ दोपहर 1:29 पर प्रारंभ होगा एवं 18 मार्च सन 2022 को पूर्णिमा दिन में 12:47 तक रहेगी फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है इस वर्ष 17 मार्च को पूर्णिमा रहेगी और इसी दिन होलिका दहन किया जाएगा ।
शास्त्रो के मतानुसार भद्रा में होलिका का दहन करना वर्जित माना गया है परंतु शास्त्रों में वेदों में पुराणों में ग्रंथों में ज्योतिष के अनेक पंचांग में लिखा है कि भद्रा निशीथ काल के बाद तक रहे तो ऐसी स्थिति में भद्रा का मुंह छोड़कर होलिका दहन करना शास्त्रोक्त वर्णित है इस वर्ष भद्रा रात्रि के बाद तक है एवं भद्रा का मुंह दिन में ही निकल जाएगा ।
अतः प्रदोष काल में ही होली का दहन किया जाना शास्त्रोक्त रहेगा भद्रा दिन में 1:29 से रात्रि 1:09 तक रहेगी भद्रा का निवास इस बार मृत्यु लोक में है कर्क सिंह कुंभ मीन राशि पर चंद्रमा होने पर भद्रा मृत्यु लोक में निवास करती है 17 मार्च को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि पर चंद्रमा रहेगा ।
सिंधु में वर्णित है की शुक्ल पक्ष की अष्टमी एवं पूर्णिमा को एम कृष्ण पक्ष की सप्तमी एवं चतुर्दशी को रात्रि में भद्रा रहती है तो शुभ रहती है होलिका का दहन 17 मार्च गुरुवार को 7:30 से 9:00 के बीच प्रदोष व्यापिनी का समय शुभ रहेगा ।