बीकानेर/ राजस्थान के सरकारी स्कूलों में आचरण में आ रही गिरावट और बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार के दिशा-निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों में एक बार फिर से किसी भी छात्र या छात्रा द्वारा अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार या अन्याय की शिकायत करने के लिए गरिमा पेटी रखने और विद्यार्थियों को स्कूली पाठ्यक्रम में कानून की जानकारी देने तथा चाइल्ड हेल्पलाइन को भी अब पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है जो अति शीघ्र लागू कर दिया जाएगा ।
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इसके साथ ही छात्र-छात्राओं द्वारा शिकायत मिलने पर उसको शिक्षा किया संस्था प्रधान द्वारा नजरअंदाज करने तथा किसी भी मीडिया के माध्यम से शिकायत सामने आने पर संस्था प्रधान जिम्मेदार होगा और संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम (आईएएस)ने बताया कि अब हर स्कूल में एक गरीमा पेटी लगाई जाएगी। ये पेटी ऐसी जगह लगेगी, जहां पत्र डालने में किसी भी छात्र-छात्रा को कोई परेशानी नहीं हो। सामने आया की छात्र-छात्राएं अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ बोलने में शंका करते और डरते हैं।
खासकर छात्राएं स्कूल स्टॉफ की ओर से अन्याय करने पर चुप रह जाती है। ऐसी छात्राएं या छात्र इस गरिमा पेटी में अपनी बात लिखकर दे सकती है। पेटी ऐसी जगह लगाई जाएगी, जहां पत्र डालते हुए भी उन्हें कोई देख ना सके। प्रार्थना सभा में बच्चों को बताया जाएगा कि गरिमा पेटी क्या है और कहां लगाई गई है।
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शिक्षा निदेशक कानाराम ने बताया की स्कूलो में अब छात्र-छात्राओं को ये भी बताया जाएगा कि वो किसी तरह कानून का सहयोग ले सकते हैं। विद्यार्थियों की समय समय पर काउंसलिंग की जाएगी और अभद्रता पर होने वाली कानूनी कार्रवाई में सहयोग दिया जाएगा।
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, किशोर न्याय बालकों की देखरेख संरक्षण 2015, बाल श्रम निषेध नियम अधिनियम 1986, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2000 तथा चाईल्ड हेल्प लाइन 1098 को अगले साल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
नहीं तो फंसगे संस्था प्रधान
निदेशक ने बताया कि अगर किसी संस्था प्रधान या अध्यापक के पास शिकायत आने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई तो उस पर कार्रवाई होगी। किसी भी विद्यार्थी के साथ अभ्रदता की शिकायत मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं अगर प्रशासन को सूचना समाचार पत्र के माध्यम से मिली तो सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इनकी भी जिम्मेदारी तय
निदेशक कानाराम आईएएस ने बताया की विभाग मे अब प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर दी है। बाल उत्पीड़न को रोकने के लिए स्कूल शिक्षक से लेकर संभाग के संयुक्त निदेशक तक की जिम्मेदारी तय करते हुए विस्तृत सर्कुलर( परिपत्र) जारी किया गया है। इसमें शिक्षक से संयुक्त निदेशक की ड्यूटी और उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई से अवगत कराया गया है।