Tonk (फ़िरोज़ उस्मानी)। जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने बुधवार को टोंक पंचायत समिति की ग्राम पंचायत दाखियां, भरनी और डारडाहिंद में चारागाह विकास कार्यों का अवलोकन करते हुए कहा कि चारागाह भूमि को फलदार, औषधीय पौधे लगाकर विकसित करें, उन्होंने चारागाह भूमि पर औषधीय पौधे एवं सब्जियां लगाने पर भी जोर दिया।
इस दौरान उन्होंने दाखियां ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि में आंवला, नीबू, अमरूद के विकसित किए गए फलदार पौधो पर प्रसन्नता जाहिर की। साथ ही दाखियां सरपंच को अन्य पांच ग्राम पंचायतो के सरपंचो को भी इस तरह की चारागाह भूमि विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
डोर-टू-डोर सर्वे समीक्षा की
जिला कलक्टर ने दाखिया में आईएलआई (खांसी, जुकाम, बुखार) मरीजो के डोर-टू-डोर सर्वे कार्य की समीक्षा करते हुए सर्वे कार्य पर संतोष जाहिर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आईएलआई के मरीजो को डोर-टू-डोर सर्वे कर रही टीमों द्वारा प्रारम्भिक अवस्था में ही चिन्हित कर लिया जाए तो सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को गम्भीर अवस्था में पहुंचने से रोका जा सकता है। सर्वे टीमों द्वारा आईएलआई के मरीज चिन्हित करने के बाद मेडिकल किट देने से मरीजों को समय पर उपचार मिल जाता है। इसलिए सर्वे कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं वास्तिविक होना आवष्यक है।
ब्लैक फंगस के बारे में करें जागरूक
जिला कलेक्टर ने कोविड-19 के पश्चात होने वाले ब्लैक फंगस के बारे में भी लोगों को अधिकाधिक जागरूक करने के निर्देष दिए।
इसके पश्चात जिला कलेक्टर ने ग्राम पंचायत भरनी में मॉडल तालाब एवं डारडाहिंद में चारागाह विकास कार्य का निरीक्षण किया। डारडाहिंद में चारागाह भूमि पर लगाए गए पौधो को जीवित रखने के लिए विषेष प्रयास करने के निर्देष दिए। उन्होंने ग्राम पंचायत स्थित कपीला गौषाला का भी अवलोकन किया। इस दौरान आरएएस अधिकारी नवनीत कुमार, विकास अधिकारी टोंक बृजमोहन गुप्ता, संबंधित ग्राम पंचायत के अधिकारी भी मौजूद रहे।