Jaipur News । राजस्थान कांग्रेस में जुलाई-अगस्त में उपजे सियासी संकट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर कहा फॉरगेट एंड फॉरगिव यानि भूलो और माफ करो। उन्होंने कहा कि यह सभी के समझने वाली बात है और जो ना समझे वो अनाड़ी है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उनका यह बयान परोक्ष रूप से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके खेमे को सीख देने की कोशिश माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पायलट के नेतृत्व में पार्टी के कुछ विधायक दिल्ली जाकर बैठ गए थे, जिसके कारण सरकार गिरने की नौबत आ गई थी। इसके बाद पायलट और गहलोत की तल्खी ज्यादा बढ़ गई थी और उस घटनाक्रम के बाद दोनों गुटों ने इस प्रकरण पर चुप्पी साध ली थी।
गहलोत का यह बयान सियासी हलकों में चर्चित हो रहा है। माना जा रहा है कि इसके माध्यम से गहलोत ने पायलट पर निशाना साधा है। मीडिया संवाद के दौरान एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि जब हम जैसलमेर में होटल से निकले थे, तब मैंने तत्काल बयान दिया था कि फॉरगेट एंड फॉरगिव। यह सबके लिए समझने वाली बात थी। मैंने अपनी मंशा साफ कर दी थी, फिर भी अब जो ना समझे, वो अनाड़ी है।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा पिछले दिनों हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया गया। गृहमंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान व जफर इस्लाम सरकार गिराना चाहते थे। इसमें राजस्थान के चार भाजपा नेता भी शामिल थे लेकिन षडय़ंत्र असफल होने पर वे बगुला भगत बनकर बैठे हैं। आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता बदला लेगी। इसमें एक केन्द्रीय मंत्री का नाम तो उसी समय सामने आ गया था। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष भी शामिल थे।
मीडिया से संवाद के दौरान गहलोत ने जमकर सियासी तीर चलाए और भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म की राजनीति करती है और पूरे देश में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं देती जबकि यहां मुसलमान को सरकार गिराने के लिए यूज कर रही है।
राजनीतिक नियुक्तियों से जुडे एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि बार बार आचार संहिता लगने के कारण काम प्रभावित होता है। आचार संहिता के कारण राजस्थान ही नहीं हर राज्य में ऐसी परेशानियां आती है। यह राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है। इसी वजह से देर हो जाती है। लेकिन अब जल्द ही ये नियुक्तियां होंगी।
मुख्यमंत्री ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान बजरी को अवैध खनन नहीं रोक पाने पर पीडा भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अवैध खनन नहीं रोक पाना उनको बहुत पीडा देता है। अवैध खनन के लिए माफिया पनप गया है अब सुप्रीम कोर्ट की कमेटी यहां दौरा कर गई है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बजरी खनन का रास्ता खुलेगा।
राष्ट्रपति के पास भी समय नहीं-
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के साथ ही राष्ट्रपति को भी जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति मुख्यमंत्रियों को मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। इसके लिए हम चार राज्य के मुख्यमंत्रियों ने मिलने का समय मांगा था जो अब तक नहीं मिला है। वहीं हमारे राज्यपाल कृषि बिलों को आगे नहीं भेज रहे हैं। राष्ट्रपति ने अभी तक मॉब लीचिंग बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
कॉपरेटिव सोसायटी के झांसे से बचे लोग-
मुख्यमंत्री गहलोत ने लोगों से कॉपरेटिव सोसायटियों के झांसे में आने से बचने की अपील की और कहा कि हमने ऐसी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों पर शिकंजा कसा है। ज्यादा ब्याज के लालच में लोग इनमें पैसे जमा करवा देते हैं और ये लोगों को पैसा दूसरे कार्यों में लगा देते हैं। आज तक इनका डूबा हुआ पैसा किसी को वापस नहीं मिला है। इसके साथ ही देर रात चैनलों पर चलने वाले विज्ञापनों पर भी लगाम लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। ये रात को 12 बजे बात सभी चैनलों पर जाने क्या क्या बेचते रहते हैं। इस बारे में पुलिस कमिश्नर से भी बात की है।
हमारी प्राथमिकता जीवन बचाने की –
कोरोना महामारी के संक्रमण में हमारी सरकार का पहला लक्ष्य इंसानी जीवन बचाना हैं जबकि केन्द्र सरकार ने कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को तेज सर्दी में सडकों पर मरने के लिए छोड़ दिया है। इतनी संवेदनहीनता भी ठीक नहीं है। देश में लोगों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। राज्यों को सीधे तौर पर कोरोना के संक्रमणकाल में एक नए रुपये की मदद नहीं मिली है। केन्द्र सरकार अगर राजस्थान को जीएसटी का बकाया 950 करोड़ रुपया ही दे दें तो भी हमें काफी मदद मिलेगी।
कांग्रेस का हर कार्यकर्ता असेट –
अजय माकन के सचिन पायलट को पार्टी का असेट बताने की बात का गहलोत ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अजय बाबू ने सही कहा है, पार्टी का हर कार्यकर्ता हमारा असेट है। कार्यकर्ताओं की मांग पर काम हो रहे हैं और अब पंचायत स्तर तक जनसुनवाई की तैयारी की जा रही है।
कांग्रेस पार्टी राज्य में भी चलाए किसान आंदोलन: माकन
प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान सडकों पर है अब कांग्रेस कार्यकर्ता भी यहां किसानों को लेकर बडा आंदोलन खडा करें। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र की 50 फीसदी से अधिक घोषणा पूरी हो चुकी है। केन्द्र के कृषि बिल तीनों काले कानून हैं। किसानों के हितों पर कुठाराघात है। इनसे जमाखोरी व मुनाफाखोरी बढ़ेगी। पीएम मोदी के मित्रों के लिए ये कानून बनाए गए है।
गांव गांव तक पहुंचेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता: डोटासरा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार बनी थी, तब अराजकता का माहौल था, पूरे राज्य में वित्तीय कुप्रबंधन था। 28 दिसम्बर को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर सभी मंत्री, विधायक संगठन के माध्यम से सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे। जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होगी, ब्लॉक व जिला अध्यक्ष भी नियुक्त किए जाएंगे।