Bikaner news । विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित इंदिरा गांधी नहर की पंजाब और राजस्थान सीमा के अंदर मरम्मत की तैयारी चल रही है। ठेकेदारों ने मरम्मत का सामान मंगवाना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी रबी का पानी चल रहा है और 21 मार्च तक नहर की मरम्मत होना संभव नहीं है, लेकिन मरम्मत के लिए तैयारी अभी से शुरू हो गई है।
पिछले साल ही पंजाब ने नहर की मरम्मत के लिए टेंडर कर दिए थे। करीब 2000 करोड़ रुपये के टेंडर अलग-अलग हुए हैं। कुछ सामान बीते साल ही मंगा लिया गया था, लेकिन कोरोना के कारण न तो श्रमिक मिले और न मशीनें, इसलिए पिछले साल नहर की मरम्मत को टाल दिया गया था। इस साल यदि लॉकडाउन नहीं लगा तो मरम्मत का काम रबी का पानी बंद होते ही शुरू हो जाएगा।
पंजाब पर राजस्थान और केंद्र सरकार का लगातार दबाव बन रहा है कि पंजाब के अधीन आने वाली इंदिरा गांधी नहर जर्जर हो चुकी है और कभी भी राजस्थान का पानी बंद हो सकता है इसलिए नहर की मरम्मत अति आवश्यक है। हालांकि बीते 2 सालों से पंजाब टेंडर नहीं कर पा रहा था, लेकिन 2019 में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। इसके लिए 70 दिन की नहरबंदी ली जाएगी जो पिछले साल होनी थी, वह अब होगी।
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल के अनुसार नहर की मरम्मत के लिए ज्यादा कोई तैयारी नहीं करनी है, क्योंकि तैयारी 6 साल पहले हो चुकी थी। सिर्फ आर्डर जारी होना है। उम्मीद है कि इस साल नहर की मरम्मत शुरू हो जाएगी। पंजाब अपने इलाके में मरम्मत करेगा और राजस्थान में भी नहर की मरम्मत जारी रहेगी। विभाग ने बताया है कि 70 दिन की नहरबंदी का प्लान पिछले साल ही जलदाय विभाग और इंदिरा गांधी नहर अभियंताओं के बीच बन गया था लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल दिया गया। वही पैटर्न इस साल भी अपनाया जाएगा।
नहरबंदी के शुरुआती 40 दिनों तक लगातार नहर से पीने का पानी मिलता रहेगा लेकिन अंतिम 30 दिनों में पानी पूरी तरह बंद रहेगा। शुरू के 40 दिन में डिग्गी और जलदाय विभाग के जलाशय भरे जाएंगे लेकिन 30 दिन पूरी तरह पानी बंद होगा और मौजूद पानी में ही जलदाय विभाग को 30 दिन काटने होंगे। उधर बीकानेर में जल भंडारण की क्षमता 18 दिन से ज्यादा की नहीं है। नहरबंदी में 30 दिन का पानी पूरी तरह बंद रहेगा। इस दौरान एक दिन छोड़कर सप्लाई मिलेगी।