Tonk News । कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर राजनीति में शह ओर मात का खेल खेला जा रहा हैं, वही टोंक जिला कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर अभी से धीरे धीरे सुगबुगाह होने लगी । जहां वरिष्ठ कांग्रेस जनों में जिलाध्यक्ष पद को हथियाने के लिए एक दूसरे का मन टटोला जाने लगा है।
टोंक कांग्रेस में राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जहां एक और गहलोत एवं पायलट में सत्ता का संघष चल रहा हैं तथा दोनो ही एक दूसरे को मात देने के लिए कमर कसे हुए हैं। अब देखना हैं कि कौन किस को सियासत के दंगल में मात दे । आज गहलोत गुट के समर्थक जैसलमेर की तफरी पर हैं वही पायलट के समर्थक मानेसर से छोड़कर अन्यत्र तफरी पर जा रहे है। सत्ता में घमासान चल रहा हैं कोैन किस को पटकनी मार दे यह भी कहा नही जा सकता।
ठीक इसके विपरीत जिले में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद को लेकर जो जो भी दावेदार हैं वो अपनी गोटियां बैठाने के जुगाड में जुटे हुए हैं। लेकिन राज्य स्तर पर अभी कोई नेता उपलब्ध नही होने के कारण केवल कयासबाजी लगाई जा रही है। प्रदेष स्तर पर मुख्यमंत्री के कृपा पात्र रहे डोटासरा को प्रदेषध्यक्ष पद काबिज करवाया हैं । उससे लगता हैं जिलाध्यक्ष भी मुख्यमंत्री गहलोत का कृपा पात्र एवं विष्वसनीय आदमी ही होगा ।
आज के परिपेक्ष में देखा जाए तो पूर्व विधायक कमल बैरवा एवं पूर्व जिला प्रमुख एवं पूर्व जिलाध्यक्ष रहे रामविलास चौधरी इन दिनों गहलोत के खासमखास बने हुए हैं। इन दोनों में से कोई एक बनने पर गहलोत विरोधियों के नाक में नकेल कसने में आसानी रहेगी एवं विरोधियों के पंख कतरने में आसानी रहेगी । इसके अतिरिक्त दमदार नेता महावीर तोगडा भी है वे भी गहलोत के समर्थक ही माने जाते हैं।
अभी राज्य सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने पर मचे बबाल को लेकर जिला स्तर पर धरना प्रदर्षन करना था। लेकिन जिलाध्यक्ष रहे लक्ष्मण गाता ने सचिन पायलट के समर्थन में तत्काल जिला अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया था । ऐसे में अब जिला स्तर पर आयोजित होने वाले कांग्रेस के धरना प्रदर्षन के लिए बिना नेतृत्व वाले टोंक में किसे कहा जाए कि वे वृहद स्तर पर धरना प्रदर्षन आयोजित करवा कर सफल करवा दे ।
इस पर प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेष स्तर पर नेताओं की रायषुमारी लेकर धरना प्रदशन के लिए पूर्व विधायक कमल बैरवा एवं पूर्व जिला प्रमुख एवं पूर्व जिलाध्यक्ष रामविलास चौधरी को प्रदेष नेतृत्व ने उपयुक्त माना । दोनो नेताओं ने अन्य जिलो से बेहतर जनाधार के धरना प्रदर्षन सफल बनाया। ज्ञापन देने आई भीड में अधिकांष कांग्रेजनों ने मौके पर इस बात की स्वीकारोक्ति कर ली थी कि अब जिला अध्यक्ष रामविलास चौधरी या फिर कमल बैरवा में से एक बनेगें।
अब देखना यह हैं कि 14 अगस्त तक सत्ता की तस्वीर साफ हो जाएगी । इसके बाद जिलाध्यक्ष का ताज किस के माथे पर सजेगा ।