Tonk news (फ़िरोज़ उस्मानी)। लॉक डाउन के दौरान जहॉ अधिकतर परिवारों के सामने रोजगार को लेकर चुनौतियों आ गई वही शिव शिक्षा समिति रानोली एवं सेव द चिल्ड्रन द्वारा तैयार किशोरियों ने आत्मनिर्भरता की और अपना स्वंय का रास्ता बना लिया है।
सरकार द्वारा संचालित रोजगार उन्मुखी शिक्षण केन्द्रो पर सिलाई, ब्युटीपार्लर एवं अन्य कोर्स करके स्वंय को सषक्त किया एवं शादी बच्चों का खेल नही परियोजना से स्टार्टअप स्पोर्ट के तहत सिलाई मषीन प्राप्त करके पैसा कमाना आरम्भ किया। षिव षिक्षा समिति के गतिविधि समन्वयक पूनम जोनवाल ने बताया की लॉक उाउन के दौरान 70 हजार रुपये के मॉस्क सिलाई करके परिवार की मदद की। और अपने इन्ही विचारों एवं नवाचार को बढाते हुए रक्षाबन्धन पर घर पर तरह-तरह की राखीयॉ बना कर बेचने का निर्णय लिया।
इस मुहिम मे सोहेला, बगडी पंचायत मे गठित किषोरी फेडरेषन की 30 बालिकाओं ने राखी बनाने का कार्य किया है। सोहेला की रामघणी बैरवा का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा संचालित आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम से उन्हे यह विचार मिला है। एक और चीन के उत्पादों पर रोक लग रही है वही घर पर बनी राखीयों से किसी प्रकार त्वचा सबंधी सक्रंमण भी नही होगा और किषोरियों को रोजगार भी प्राप्त होगा।