Bhilwara News। जिस प्लाज्मा थैरेपी को कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में कारगर बताया जा रहा है, आवश्यकता पड़ने पर उस थेरेपी का उपयोग भीलवाड़ा महात्मा गांधी अस्पताल में भी किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक संसाधन अस्पताल में उपलब्ध है।
एमजी अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण गौड़ ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में ठीक हो चुके कोरोना रोगियों का एक बार फिर से टेस्ट लिया जाकर उनके प्लाज्मा का थेरेपी के लिए उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए अस्पताल प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं।
मेडीकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजन नंदा ने बताया कि ऐम्स सहित अन्य संस्थानों ने प्लाज्मा थैरेपी प्रारम्भ की है। भीलवाड़ा में प्लाज्मा अलग करने की मशीन पहले से ही उपलब्ध है। कोरोना संक्रमितों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा औसत से अधिक हो जाने से सांद्रता बढ़ जाती है।
उपचार से ठीक हो गए संक्रमित के प्लाज्मा में एंटीबॉडी होते हैं। यह प्लाज्मा संक्रमित व्यक्ति को दिया जाता है तो उसके रक्त की तरलता को बढ़ाता है जिससे रक्त प्रवाह एवं ऑक्सीजन का सेचुरेशन ठीक होता है। इस थैरेपी की आवश्यकता कोरोनां संक्रमित गंभीर रोगियों को पड़ती है जो वेंटीलेटर पर होते हैं।