Bhilwara news । राजस्थान सरकार ने इस कोरोना वायरस (COVID-19)को लेकर चल रहे लाॅकडाउन(lockdown) मे अन्य राज्यो मे फंसे राजस्थान के लोगो की मदद के लिए भले ही आईएएस व आईपीएस अधिकारी लगा दिए हो लेकिन उसका वास्तविक असर जमीनी धरातल पर नजर नही आ रहा है इसका जीता जागता उदाहरण है तेलंगाना मे फंसे राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के के गंगापुर सहाडा क्षेत्र के गिरडिया गांव
के आइसक्रीम(ice cream) का कारोबार करने वाले 33 जने जिनकी सुनने वाला चोई नही है और नतीजा भूखमरी के कगार पर पहुंच गए है । भीलवाड़ा आने के लिए वह सब जगह गुहार लगा चुके लेकिन उन्हें कई से मदद नही मिल रही है ।
गिरडिया गांव निवासी आइसक्रीम कारोबारी माधव गाडरी ने दैनिक रिर्पोटर डाॅट काम के सीईओ चेतन ठठेरा से तेलंगाना के कामारेडी से मोबाइल पर विशेष बातचीत करते हुए यह पीडा व्यक्त करते हुए बताया की वह हर साल नवम्बर माह मे वह आइसक्रीम कारोबार के लिए आंध्र प्रदेश आते है । इस बार भी दिसम्बर माह मे आए थे लेकिन उनका धंधा शुरू होता उससे पहले ही कोरोना वायरस को लेकर लाॅकडाउन लग गया और सभी अपने-अपने राज्यो शहरो मे लौटने लगे तो वह भी राजस्थान के भीलवाड़ा जिले मे स्थित अपने गांव गिरडिया के लिए रवाना हुए लेकिन वह आंध्र प्रदेश की सीमा पार कर तेलंगाना राज्य के कामारेडी के बिकनूर के पास उन्हे रोक लियाऔर एक जगह ठहरा दिया ।
नही मिल रहा खाने का राशन
माधव गाडरी ने अपनी पीडा बताते हुए बताया की जब लाॅकडाउन लगा उनका धंना बंद हो गया उन्होने सोचा की अब अपने गांव चले और षह सभी 33, जनो के साद निकल पडे लेकिन तेलंगाना मे उन्हे रोक लिया और अब निकलने नही दे रहे है । हमने गांव जाने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन पर गए और भीलवाड़ा जाने के लिए गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने नही जाने देंगे यही रहो ।
इनको लगाई गुहार लेकिन नही मिली मदद
माधव गाडरी ने बताया की उन्होंने
रायपुर -सहाडा विधानसभा से हमारे कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी से भी बात की लेकिन कोई हल नही निकला । गाडरी ने बताया की उसके सहित उसके सभी 33 जनो के भूखे मरने की नौबत आ गई है । उसने बताया की अगर राजस्थान सरकार और तेलंगाना प्रशासन उन्हे भीलवाड़ा जाने की स्वीकृति दे दे तो दो वाहन उनके पास है जिससे वह सभी 33 जने भीलवाड़ा आ सकते है ।