Udaipur News (चेतन ठठेरा)। चिकित्साकों को आधुनिक भगवान माना जाता है लेकिन इन आधुनिक भगवान के लिए रूपये ही सब कुछ है इंसानियत कुछ भी नही यह लाशो का भी सौदा करने से नही चुकते है । ऐसा एक प्रत्यक्ष घटना आज शहर के एक निजी हास्पीटल मे देखने को मिली जब एक घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने लाश देने से परिजनो को यह कहते हुए मना कर दिया की डेढ लाख रूपये दे दो और लाश ले जाओ ।
अर्जुन नाथ भीलवाडा में एक सड़क हादसे में गभीर रूप घायल हो गया, जिसको उदयपुर रैफर किया गया । इस बीच अर्जुन नाथ के परिजनों से कनक हाॅस्पिटल के एजेंट ने सम्पर्क साधा ओर अर्जुन का उपचार कनक हाॅस्पिटल में करवाने की बात कही। इस पर अर्जुन के परिजन अर्जुन को उदयपुर मे सेक्टर 5 मे स्थित कनक हास्पीटल मे।लेकर आए और उसका करीब 5 दिन से चल रहा था।
उपचार के बाद जब अर्जुन नाथ की मौत हो गई तो हाॅस्पिटल वालों ने भारी भरकम उपचार का बिल परिजनों को थमा दिया ओर कहा कि डेढ़ लाख रूपये चुकाओं और उसके बाद शव को ले जाओं। अर्जुन नाथ भीलवाडा फैक्टरी में लेबर के रूप में कार्य करता था जिसके 4 चार बच्चें है ऐसे में यह परिवार इतनी भारी भरकम रकम देने में असमर्थ था।
इस परिवार के लोगों ने हाॅस्पिटल प्रशासन सेे कई बार गुहार लगाई लेकिन हाॅस्पिटल वालों के कान पर जू तक नहीं रेंगी। ऐसे में जब यह बात मिडिया के सामने आयी तोे कनल हाॅस्पिटल प्रशासन ने आनन फानन में परिजनोें को चेम्बर में बुलवाकर मामले को रफादफा करते हुए 22 हजार रूपये लेकर के शव परिजनों को सौंपा। अर्जुन नाथ के परिजनोें का कहना है कि अर्जुन के मौत हो जाने के 36 घंटे बाद शव को ले जाने दिया।