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When will the riders of Tonk get rid of the pigs, the threat of vote bank to the leaders, the problems of the pig parents are not being given attention - कब निजात मिलेगी टोंक के आवारा सुअरों से, नेताओं को वोट बैंक का खतरा, सुअर पालकों की समस्याओं पर नही दिया जा रहा ध्यान Dainik Reporters

कब निजात मिलेगी टोंक के आवारा सुअरों से, नेताओं को वोट बैंक का खतरा, सुअर पालकों की समस्याओं पर नही दिया जा रहा ध्यान

Firoz Usmani
3 Min Read

Tonk News (फिरोज़ उस्म्मानी) – अब तक तो गाय ही राजनेतिक गलियारों में मुद्दा बनती नजर आ रही थी, लेकिन अब आवारा सुअर की भी राजनिती में एन्ट्री हो गई है। सुअरों को भी राजनेतिक सरंक्षण मिलता जा रहा है। इनको सरंक्षण देने में टोंक शहर सबसे आगे चल रहा है। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियोंं ने इसे अपना वोट बैंक बना लिया है। वोट बैंक के चलते दोनों की प्रमुख दल के नेता सुअरों की समस्या से निजात दिलाने में असफल ही हुए है। टोंक के आवारा सुअर पकडऩा फसाद का मुद्दा बनता जा रहा है। सुअर पालकों की समस्या है कि ये इन आवारा सुअर को कहां रखें। नगर परिषद इन्हें शहर से बाहर जगह आवंटित नही करा पा रही है। जिसके चलते ये समस्या बनी हुई है।

पिछले टोंक नगर परिषद भाजपा बोर्ड सभापति ने सुअरों को पकडऩे का अभियान भी चलाया। इस अभियान के चलते पूर्व सभापति के पति के साथ मारपीट का मामला भी सामना आया। मारपीट का कारण भी सुअर पकडऩा ही था।  दोनों ही पार्टियों के नेताओं पर सुअरों को सरंक्षण देने के आरोप टोंक नगर परिषद तत्कालीन आयुक्त पूजा मीणा ने भी लगाए थे। आवारा सुअरों को सुरक्षित रखने वालों का टोंक शहर में काफी बड़ा वोट बैंक है। जिनको दोनों ही पार्टिया नाराज नही करना चाहती। आमजन के विरोध के चलते जब कभी इनको पकडऩे का अभियान चलाया जाता है, तो बड़ा बवाल खड़ा हो जाता है।

इसके चलते शहरभर में गंदगी फैलाते सुअर खुब फल फूल रहे है। शहर के 60 वार्ड इसी समस्या से झूझ रहे है। स्वाईनफलू सहित कई गंभीर बिमारियां फैलती जा रही है। महिलाओं का बाजार में जाना दूभर हो चला है। हालत तो ये हे कि लोग सडक़ पर पैदल चलने से भी डरने लगे है। हाथ में सामान पर झपट पड़़ते है। बावजूद इसके टोंक नगर परिषद आखें मूदें बैठा है।

 ऐसे निकल सकता है, समस्या का समाधान

शहर में 40 से 50 के लगभग सुअर पालक है, जिनके विरूद्व नगर परिषद टोंक ने न्यायालय में चालान भी पैश किए है। अगर नगर परिषद चाहे तो इस समस्या से निजात मिल सकती है। अगर नगर परिषद सुअर पालकों को शहर से दूर किराए पर भूमि आवंटित करा दे तो इस विकराल समस्या का हल निकल सकता है।

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।