महापौर—सभापतियों के चुनावों का तरीका बदल सकती है सरकार,
धारा 370 का इफेक्ट
जयपुर
लोकसभा चुनाव में करारी हार और उसके बाद कश्मीर से धारा-370(Section 370) हटाने के बाद बदले राजनीति (Politics) माहौल ने निकाय चुनाव में महापौर-सभापतियों (Mayor-Chairmen) के सीधे चुनाव को लेकर किए गए अपने निर्णय से कांग्रेस सरकार (Congress Government) पीछे हट सकती है। इन चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की फीडबैक ने सत्तारूढ़ कांग्रेस(Congress) का दुविधा में डाल रखा है। कांग्रेस ने अपनी घोषणा-पत्र में निकाय,पंचायत चुनाव से शैक्षिणक योग्यता हटाए जाने और प्रमुखों का चुनाव प्रत्यक्ष करवाने का वादा किया था।
कांग्रेस सरकार ने पूरा भी किया लेकिन अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और रणनीतिकार प्रत्यक्ष चुनाव करवाने के निर्णयों को पार्टी के खिलाफ जाता महसूस कर रहे हैं। ऐसे में अब पार्टी ने महापौर-सभापतियों के चुनाव प्रत्यक्ष कराए जाएं या अप्रत्यक्ष? ये तय करने का जिम्मा सरकार और संगठन ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को दिया है।
शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) कांग्रेस जनप्रतिनिधियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को सौंपेंगे। धारीवाल की रिपोर्ट के बाद ही सरकार महापौर और सभापतियों के चुनाव को लेकर फैसला लेगी।
प्रदेश की 25 जिलों के 52 निकायों में प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि छोटे शहरों के निकायों में क्षेत्र और मतदाता संख्या विधानसभा सीट से भी ज्यादा है।
प्रदेश की 25 जिलों के 52 निकायों में प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि छोटे शहरों के निकायों में क्षेत्र और मतदाता संख्या विधानसभा सीट से भी ज्यादा है।