कोटा जिले में चम्बल नदी Chambal River से पानी छोड़े जाने के बाद आई बाढ़ Flooding से कई इलाकों में भरा पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है। जिन स्थानों पर पानी निकल गया है, वहां तबाही का मंजर साफ दिख रहा है, जबकि कई इलाके अभी भी पानी में डूबे है, जहां 3-5 फीट तक पानी भरा है। लोकसभा अध्यक्ष Lok Sabha Speaker ओम बिरला ने इन प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी दौरा किया और लोगों से मिलकर उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।
इधर चंबल नदी Chambal River के आस-पास बसे गांवों में खेती भी तबाह हो गई। खेतों में पानी भरने से फसलें नष्टï हो गई। वहीं आस-पास बसी कॉलोनियों में अभी भी पानी भरा है। जिन क्षेत्रों से पानी उतर गया वहां अब लोग अपने घरों को संभालने में जुट गए। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक इन प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आंकलन करवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ के बाद बीमारियां भी तेजी से फैल रही है। बाढ़ में कई जगहों पर फंसे लोग बीमार हो रहे हैं, लेकिन पानी में फंसे होने के कारण उन्हें मदद नहीं मिल पा रही।
मंगलवार को दौरे पर निकले बिरला ने सबसे पहले बालापुरा गांव के हालात देखे। यह गांव 9 दिन से टापू बना हुआ और 400 लोग पानी के बीच फंसे हैं। इसके बाद चंद्रावला गांव और सुल्तानपुर क्षेत्र का भी दौरा किया। टापू बने बालापुरा गांव में एसडीआरएफ Sdrf की टीम ने 2 डॉक्टरों के साथ जरूरी दवाइयां सहित कुछ अन्य सामग्री पहुंचाई, क्योंकि यहां 80 से ज्यादा लोग बीमार हो गए है।
इधर बाढ़ Flooding प्रभावित क्षेत्रों में जहां अब भी पानी भरा है वहां लोग घरों को छोडऩे को तैयार नहीं है। इस कारण प्रशासन की मुश्किल और बढ़ रही है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सख्ती करते हुए घरों की छतों पर बैठे लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया।
मौसम विभाग weather department की मानें तो 2-3 दिन में एक बार फिर हाड़ौती अंचल में तेज बारिश का दौर शुरू हो सकता है। वहीं मध्यप्रदेश में भी तेज बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे राजस्थान में बहने वाली नदियों (चम्बल, पार्वती, कालीसिंध) का जलस्तर बढ़ सकता है।
बूंदी जिले के रायथल गांव में मंगलवार को तीन छात्राएं कुरेल नदी में बह गई। इनमें से एक को ग्रामीणों ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि दो छात्राओं का तेज बहाव में बह जाने से सुराग नहीं लगा। ग्रामीणों की सूचना के दो घंटे बाद भी रेस्क्यू टीम Rescue team मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।
कुछ देर बाद पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बालिकाओं की तलाश शुरू की। पुलिस ने बताया कि रामगंज बालाजी कस्बे के रायथल गांव निवासी प्रिया शर्मा (13) पुत्री मूलचंद शर्मा, सुमन मीणा (11) और निकिता मीणा (16) पुत्री कमलेश मीणा नदी पर नहाने गई थी।
तीनों छात्राएं एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर नहा रही थी, तभी निकिता का हाथ छूट गया और वह बहने लगी। इस पर प्रिया और सुमन उसे बचाने के लिए पानी की गहराई में उतर गई। इस दौरान निकिता तो जैसे-तैसे बचकर पानी के ऊपर आ गई, जिसे ग्रामीणों ने नजर पड़ते ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन प्रिया और सुमन का कुछ पता नहीं चला।