एम.इमरान टांक/9251325900 – अजमेर सांसद और केकड़ी के पूर्व विधायक डॉ.रघु शर्मा अपने बेटे सागर को इनदिनों केकड़ी विधानसभा क्षैत्र की गलियों में दौड़ा रहे है। शादी हो या मातम सब में सागर शर्मा की दस्तक होती है। पिता की सरपरस्ती में सागर शर्मा को राजनीति का क ख और ग सिखाया जा रहा है।
सांसद शर्मा की टीम एरिया वाईज़ सागर को विधिवत प्रोटेक्ट कर रही है। किस से मिलना है, कौन अपना, कौन पराया सब टीम की जिम्मेदारी! क्योंकि डॉ. शर्मा राजनीति की चाल और चरित्र को बख़ूबी समझते है, उन्हें पता है आगामी चुनाव में राजनीति का ऊंट उनके चाहे अनुसार नहीं बैठा यानि उन्हें आभास हुआ कि उनके ना चाहनें के बावजूद पार्टी उन्हें सांसद का चुनाव लड़वाएगी तो वे सागर को केकड़ी विधानसभा क्षैत्र में फिट करनें में अपनी ताक़त खपाएंगे।
वे अभी से राजनीति के शतरंज रूपी खेल में अपनी मुहरें जमा रहे हैं। इनसे उलट भाजपा के दिवंगत नेता स्व. सांवरलाल जाट नें अपनें दोनों पुत्रों को राजनीति से दूर रखा। अगर वे चाहते तो अपनें पुत्रों को धीरे-धीरे धुरंधर राजनीतिज्ञ बना सकते थे। लेकिन उन्होंने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। और जब ध्यान दिया तो अपनी जगह अजमेर सांसद का चुनाव अपनें पुत्र रामस्वरूप लाम्बा को लड़ाना चाहा।
मगर प्रदेश नेतृत्व नें सचिन पायलट के सामनें रामस्वरूप लाम्बा को नया चेहरा और कमजोर दावेदार माना, जबकि प्रो. जाट नें लाम्बा को जितानें की गारण्टी ले ली। बावजूद इसके प्रदेश आलाकमान,जिला नेतृत्व और भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में एक बात घर कर चुकी थीकि पायलट को प्रो. जाट ही हरा सकते है। जाट की यही लोकप्रियता और रामस्वरूप को समय रहते राजनीति में स्थापित नहीं कर पानें की कीमत जाट को चुकानी पड़ी थी। हालांकि वे लोकसभा चुनाव जीत गए लेकिन उनके रहते वे बेटों को राजनीति में स्थापित नहीं कर पाए।