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पायलट बन सकते हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, प्रदेश की राजनीति से होगा पत्ता साफ - Dainik Reporters

पायलट बन सकते हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, प्रदेश की राजनीति से होगा पत्ता साफ

liyaquat Ali
3 Min Read

जयपुर

कांग्रेस में सोनिया गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फ्री हैंड मिल गया है। अब यह कयास है की गहलोत धीरे-धीरे अपने सभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को रास्ते से हटाएंगे।इसमें सबसे पहला नाम उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का आ रहा है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर केंद्र की राजनीति में भेज दिया जाएगा तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर गहलोत अपने किसी निकटवर्ती नेता को सौंपेंगे।

 बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आने के बाद सचिन पायलट ने पूरे 5 साल तक संघर्ष किया और कांग्रेस की वापस सत्ता में वापसी कराई। उन्हें उम्मीद थी कि इस संघर्ष के दम पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी नेताओं ने एक बार फिर अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया। अब सचिन पायलट की खास सहयोगी माने जाने वाले राहुल गांधी भी पद पर नहीं है और वे कांग्रेस की राजनीति में रुचि भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में सचिन पायलट का  गुट कमजोर पड़ता नजर आ रहा है।

इधर सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एकाएक ही मजबूत स्थिति में आ गए हैं। अब राज्य में स्थिर सरकार देने के लिए धीरे-धीरे अपने सभी प्रतिनिधियों को रास्ते से हटाने का काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जिस प्रकार मुखर होकर भाजपा का विरोध किया है उससे लगता है की अब गहलोत पूरी तरह काम के मूड में आ गए हैं। पिछले 8 माह से चल रही गहलोत की दिल्ली दौड़ भी अब समाप्त हो गई है और वह अपना समय जयपुर में ही देने लगे हैं।

आपको बता दें कि राजस्थान में गहलोत को अभी सबसे बड़ी टक्कर सचिन पायलट की दे रहे हैं।

चुनाव से पहले भी पायलट ने इशारों इशारों में कई बार गहलोत की सत्ता को चुनौती दी तथा उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भी भी पीछे नहीं हटे और कई मौकों पर उनके समक्ष चुनौतियां पेश की। प्रदेश कांग्रेस में भी पायलट समर्थकों का भारी जमावड़ा है। और उनके निशानों पर गहलोत समर्थक ही रहते आए हैं।

ऐसे में अब पायलट की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता समाप्त करने के लिए उन्हें राज्य से बाहर भेजना जरूरी हो गया है।  इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाने की तैयारी की जा रही है। इससे यह मैसेज दिया जाएगा कि कांग्रेस ने केंद्र में युवा नेताओं को तरजीह दी है वहीं प्रदेश में गहलोत का पत्ता साफ हो जाएगा।

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