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बीकानेर में भी ड्यूटी के दबाव में की मेडिकल छात्रा ने आत्महत्या - Dainik Reporters

बीकानेर में भी ड्यूटी के दबाव में की मेडिकल छात्रा ने आत्महत्या

liyaquat Ali
4 Min Read

बीकानेर

Contents
एसपी मेडिकल कॉलेज की इंटर्नशिप कर रही छात्रा मनीषा कुमावत ने ड्यूटी के दबाव से परेशान होकर शनिवार शाम हॉस्टल के अपने कमरे में शाम को फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। खुदकुशी से एक दिन पहले मनीषा ने अपने पिता को फोन पर बताया कि वह काम के दबाव के कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रही है। वह प्री पीजी की तैयारी कर रही थी। उसने बताया कि सुबह 7 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक ड्यूटी पूरी देने के बाद भी शाम को भी बुला लिया जाता है। इससे वह परेशान रहने लगी थी। शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे तो उसने अपने जयपुर में पढ़ाई कर रहे अपने भाई से बात की थी, जिसमें उसकी बात से कोई परेशानी नहीं झलक रही थी।इससे लगता है कि वह अपनी ड्यूटी को लेकर ही परेशान थी। मनीषा के खुदकुशी की सूचना मिलते ही मेडिकल स्टूडेंट पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी के आगे एकत्र हो गए। इन छात्रों की बातों में भी काम के दबाव को लेकर रोष झलक रहा था। एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार, अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रंजन माथुर और डॉ. एलए गौरी तथा अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके बैरवाल भी ट्रोमा अस्पताल के बाहर पहुंचे और छात्रों को समझाइश की।  पुलिस ने रविवार को भादरा से आए उसके परिजनों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव सौंप दिया, जिसे लेकर वे भादरा तहसील के अनूपसर गांव रवाना हो गए। शनिवार शाम से लेकर रविवार तक मेडिकल हॉस्टल में रहने वाली दूसरी छात्राएं रह रहकर कमरा नंबर-102 की तरफ  झांक रही थी, जहां शनिवार तक मनीषा कुमावत की चहकती आवाज आया करती थी। मनीषा अक्सर सहपाठी सहेलियों से घुल मिलकर बातें किया करती थी, लेकिन इस हादसे के बाद से जैसे दूसरी छात्राओं के मुंह पर भी ताले लग गए हैं। इस मामले की जांच जेएनवीसी थानाधिकारी गोविंदसिंह को सौंपी गई है। पुलिस ने छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई है। उसी से पता चलेगा कि उसने अंतिम बार किससे बात की थी? मनीषा कुमावत (25) मेडिकल कॉलेज की टॉपर छात्रा थी और अपनी पढ़ाई के प्रति संवेदनशील थी। हालांकि उसके पेपर अभी दूर थे,लेकिन उसकी कुछ भी पढ़ाई नहीं हो पाने से वह तनाव महसूस कर रही थी। पर किसी को बता नहीं पाई। इस मामले में नया तथ्य यह सामने आया है कि मनीषा दो-तीन दिन पहले ही नई रस्सी बाजार से खरीद कर लाई थी। उसी रस्सी से उसने कमरे में फांसी लगाई है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वह दो तीन दिन से ही फांसी लगाने का विचार कर रही थी, जिसे उसने शनिवार को पूरा भी कर दिया। इस बीच अगर उसने किसी से बात की हो तो वह सामने आने से मौत के असली कारण का पता चल सकता है।
एसपी मेडिकल कॉलेज की इंटर्नशिप कर रही छात्रा मनीषा कुमावत ने ड्यूटी के दबाव से परेशान होकर शनिवार शाम हॉस्टल के अपने कमरे में शाम को फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। खुदकुशी से एक दिन पहले मनीषा ने अपने पिता को फोन पर बताया कि वह काम के दबाव के कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रही है। वह प्री पीजी की तैयारी कर रही थी। उसने बताया कि सुबह 7 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक ड्यूटी पूरी देने के बाद भी शाम को भी बुला लिया जाता है। इससे वह परेशान रहने लगी थी। शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे तो उसने अपने जयपुर में पढ़ाई कर रहे अपने भाई से बात की थी, जिसमें उसकी बात से कोई परेशानी नहीं झलक रही थी।
इससे लगता है कि वह अपनी ड्यूटी को लेकर ही परेशान थी। मनीषा के खुदकुशी की सूचना मिलते ही मेडिकल स्टूडेंट पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी के आगे एकत्र हो गए। इन छात्रों की बातों में भी काम के दबाव को लेकर रोष झलक रहा था। एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार, अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रंजन माथुर और डॉ. एलए गौरी तथा अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके बैरवाल भी ट्रोमा अस्पताल के बाहर पहुंचे और छात्रों को समझाइश की।  पुलिस ने रविवार को भादरा से आए उसके परिजनों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव सौंप दिया, जिसे लेकर वे भादरा तहसील के अनूपसर गांव रवाना हो गए।
शनिवार शाम से लेकर रविवार तक मेडिकल हॉस्टल में रहने वाली दूसरी छात्राएं रह रहकर कमरा नंबर-102 की तरफ  झांक रही थी, जहां शनिवार तक मनीषा कुमावत की चहकती आवाज आया करती थी। मनीषा अक्सर सहपाठी सहेलियों से घुल मिलकर बातें किया करती थी, लेकिन इस हादसे के बाद से जैसे दूसरी छात्राओं के मुंह पर भी ताले लग गए हैं। इस मामले की जांच जेएनवीसी थानाधिकारी गोविंदसिंह को सौंपी गई है। पुलिस ने छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई है। उसी से पता चलेगा कि उसने अंतिम बार किससे बात की थी?
मनीषा कुमावत (25) मेडिकल कॉलेज की टॉपर छात्रा थी और अपनी पढ़ाई के प्रति संवेदनशील थी। हालांकि उसके पेपर अभी दूर थे,लेकिन उसकी कुछ भी पढ़ाई नहीं हो पाने से वह तनाव महसूस कर रही थी। पर किसी को बता नहीं पाई।
इस मामले में नया तथ्य यह सामने आया है कि मनीषा दो-तीन दिन पहले ही नई रस्सी बाजार से खरीद कर लाई थी। उसी रस्सी से उसने कमरे में फांसी लगाई है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वह दो तीन दिन से ही फांसी लगाने का विचार कर रही थी, जिसे उसने शनिवार को पूरा भी कर दिया। इस बीच अगर उसने किसी से बात की हो तो वह सामने आने से मौत के असली कारण का पता चल सकता है।
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