क्षैत्र के ई-मित्र प्रतिष्ठान बन्द रहने से आमजन रहे परेशान
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क्षैत्र के ई-मित्र प्रतिष्ठान बन्द रहने से आमजन रहे परेशान समस्त ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, तहसीलदार व प्रोग्रामर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापनवहीं ईमित्र कियोस्क धारकों ने ईमित्र कमीशन को बढ़ाने, प्रिंट स्टेशनरी उपलब्ध कराने, ईमित्र पर किए जाने वाले समस्त आवेदनों का सम्बन्धित विभाग द्वारा 7 कार्य दिवसों में निस्तारण का प्रावधान करने, ईमित्र से प्राप्त ऑनलाइन आवेदन में कोई त्रुटि नहीं होने पर भी अनावश्यक परेशान करने के लिए संबंधित बाबूओं द्वारा आवेदन को रिसब्मिट करने या लटकाए जाने पर बाबू के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्यवाही करने, एलएसपी को हटाकर सीधे राज्य कर्मचारी के समान सुविधाएं देने सहित अन्य विभिन्न मांगो व समस्याओं को लेकर तहसीलदार व उपखंड अधिकारी उनियारा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जहां पर सोमवार से मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रही। अगर उसके बाद राज्य सरकार द्वारा ईमित्र किओस्क धारको की मांगो पर अमल व समाधान नहीं हुआ तो आगामी दिनों में ईमित्र कियोस्क धारक ठोस रणनीति बनाकर राज्य सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
समस्त ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, तहसीलदार व प्रोग्रामर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
अलीगढ़
शिवराज मीना
टोंक जिले सहित जिले के समस्त उपखंड स्तर पर ईमित्र किओस्क धारको ने अपनी विभिन्न मांगों व समस्याओं के समाधान को लेकर सोमवार 15 जुलाई से ईमित्र केन्द्रों को बन्द रखकर राज्य सरकार की शोषण व दमनकारी नीतियों तथा उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ हड़ताल की। जहां मंगलवार को दूसरे दिन भी जिलेभर के सभी कस्बों व गांवों में ईमित्र कियोस्क बंद रहने से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा।

जिला ई-मित्र एवं बैंक मित्र संघ के टोंक जिलाध्यक्ष शिवराज बारवाल एवं उनियारा ब्लॉक अध्यक्ष तेजकरण मीणा ने बताया कि ई-मित्र कार्मिक विकास प्रबंधन समिति राजस्थान के आह्वान पर संपूर्ण प्रदेशभर के समस्त जिलों में ई-मित्रों द्वारा हड़ताल की जा रही है। जहां पर टोंक जिला आल ईमित्र एवं बैंक मित्र संघ के निर्देश पर ईमित्र कियोस्क धारक हाल ही के दिनों में राज्य सरकार व आईटी विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के खिलाफ विरोध में है।

साथ ही बताया कि राज्य सरकार द्वारा मित्रों को दिया जा रहा कमिशन ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। जबकि ई-मित्र राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को सरल व सुगम तरीके से आमजन को गांव गांव – ढाणी ढाणी में पहुंचाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है। इन कियोस्क के माध्यम से प्रदेशभर के हजारों पढ़े लिखे युवाओं को बेकारी से मुक्ति मिली और स्वरोजगार मिला। लेकिन राज्य सरकार की शोषण व दमनकारी नीतियों तथा उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते सभी ईमित्र धारक युवा वर्तमान में सरकारी बाबुओं और अधिकारियों की प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। एक स्वतंत्र उधमी होने के उपरांत भी सरकार द्वारा जबरन एक राज्य कर्मचारी की भांति बेगारी करवाई जा रही है। जिससे सूबे के ईमित्र संचालकों में भारी रोष व्याप्त है।