लियाक़त अली
टोंक
जिले के टोडारायसिंह पुलिस थानान्तर्गत दलित किशोरी से सामृहिक दुष्कर्म के बाद जलाने की कोशिश करके गले में फंदा डाल करके शव को छप्पर में लगी लकडी से लटका दिये जाने के मामले में मुआवजा एवं आरोपियों की गिरफतारी की मांग को लेकर दिया जा रहा धरना शुक्रवार की शाम को जिला कलक्टर आर सी ढेनवाल एवं जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्वू से बैरवा समाज के प्रतिनिधिमण्डल की बातचीत के बाद समाप्त हो गया। आपसी वार्ता के बाद मृतक के परिजनों ने चालीस घण्टे बाद शव को उठाया।
एक दलित किशोरी से सामूहिक दूष्कर्म करने के बाद हत्या
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्राम मूण्डिंया कंला में बुधवार को एक दलित किशोरी से सामूहिक दूष्कर्म करने के बाद हत्या की घटना में लिप्त दोषियों की गिरफ्तारी करने एवं पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग को लेकर मृतक बालिका के शव के साथ धरना पर बैठे परिजनो एवं जिला प्रशासन के बीच शुक्रवार की शाम जिला कलक्टर आरसी ढ़ेनवाल एवं पुलिस अधीक्षक अंशुल सिद्धू के बीच पीडि़त परिवार की ओर से दलित समाज के नेताओं के मध्य हुए समझौता हुआ।
राज्य सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण आयोग
जिसके अनुसार मृतक बालिका के पिता को राज्य सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण आयोग के माध्यम से आगामी दो चार दिन में आयोग के नियमानुसार मिलने वाली सहायता राशि के रूप में करीब 4.20लाख रूपये नकद दिये जाने वही पुलिस की ओर से मामले की जांच क रके दोषियों की गिरफ्तारी करने के बाद न्यायालय में चालान पेश किए जाने पर प्रशासन की ओर से करीब 4लाख रूपये की सहायता दी जाएगी । पीडि़त पिता को सरकार की ओर प्रधानमंत्री आवास योजना में माध्यम से भी एक आवास का निर्माण कराया जाएगा ।
मृतक बालिका के शव के सााथ नाइंसाफी करना गलत है
धरना पर बैठे बसपा नेता नरेन्द्र आमली,पूर्व सरपंच लक्ष्मीनारायण बैरवा,डीआर रामचन्द्र गुर्जर समेत दलित समाज के अनेक कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त करने की घोषणा की लेकिन जिस दौरान ही वहां मौजूद धरनार्थियों में ही मुआवजे की राशि देने की मांग करते हुए पुन:आंदोलन जारी रखने की घोषणा की तो जिला प्रशासन की संासे फूल गई। बाद में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरधन लाल सोंकरिया ने पीडि़त परिजनो को समझाते हुए बताया कि तत्काल मुआवजे की राशि प्रशासन अपनी साथ लेकर नही आते है ऐसे में एक बार समझौता होने के बाद वापस माहौल खराब करना मृतक बालिका के शव के सााथ नाइंसाफी करना गलत है । इसके बाद परिजनो ने सामूदायिकचिकित्सालय के मोर्चरी कक्ष में दो दिन से रखे शव को प्राप्त करने के बाद दाह संस्कार के लिए अपने गांव मूण्डिय़ा लेकर रवाना हो गए ।
दलित बालिका के साथ हुए दूष्कर्म व हत्या के मामले में समाज के जनाक्रोश को देखते हुए जहां पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाकर कस्बे में तैनात किया वही पुलिस अधीक्षक अंशुल सिद्धू स्वयं दो दिन से कस्बे में डेरा ड़ाले बैठे रहे। शुक्रवार को जिला कलक्टर आरसी ढेनवाल भी सुबह 10 बजे ही कस्बे में पंहुच गए और मामले की जानकारी लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मालपुरा गोरधन लाल सोंकरिया,वृताअधिकारी जयसिंह नाथावत समेत अन्य अधीनस्थ अधिकारियो को प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करने एवं पीडि़त परिवार के साथ संवेदना बरतते हुए धरना समाप्त कराने का प्रयास जारी रखा इससे मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास करने वालो लोगो को कोई मौका नही दिया ।