बाबूलाल शास्त्री
टोंक। आश्विन शुक्ला प्रतिपदा 10 अक्टूबर बुधवार को शारदीय नवरात्रा प्रारंभ हो रहे है। घट स्थापना देवी का आहवान के लिये देवी पुराण व तिथि तत्व में प्रातकाल प्रतिपदा तिथि एवं द्विस्वभाव लग्र में घट स्थापना करना श्रेष्ठ बताया है। जिसमें चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग को त्याग्य बताया गया है।
जिसमें चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग का पूर्वाद्र्ध दो चरण त्याग कर घट स्थापना की अनुमति दी है। 10 अक्टूबर बुधवार को चित्रा नक्षत्र दिन में 11.1 बजे तक वैधृति योग 11.58 बजे तक है। इनके दोनों चरण
9 अक्टूबर की रात्रि को ही समाप्त हो गये है। सामान्तया वृत पर्व निर्णय में एक मुहूर्त का मान दो घटी लिया जाता है जो दिन मान का 15 वां भाग एक घटी 56 पल होता है जो एक घंटा 6 मिनट है। सूर्य उदय प्रात: 6.27 बजे उदय हो रहा है।
तिथि 7.26 बजे तक है। अत: शारदीय नवरात्रा का प्रारंभ एवं घट स्थापना के लिये कन्या द्विस्वभाव लग्र प्रात: 6.27 बजे से 7.1 बजे तक का सर्व श्रेष्ठ समय है। मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान के निदेशक
बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि चौघडिय़ा अनुसार प्रात: 6.27 बजे से 9.20 बजे तक लाभ व अमृत, 10.47 से 12.14 बजे तक, शुभ का चौघडिय़ा में भी घटस्थापना की जा सकती है। बुधवार होने से अभिजीत त्याग्य है।
प्रतिपदा का प्रारंभ 9 अक्टूबर मंगलवार को प्रात: 9.17 बजे होगा। अत: राजस्थान गुजरात के पश्चिम भागों में जहां पर सूर्य उदय 6.38 के बाद होगा। वहां पर नवरात्रा घट स्थापना 9 अक्टूबर मंगलवार को प्रात: 9.17 के बाद अभिजीत मुहूर्त में प्रारंभ करना उचित होगा।
बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि 10 अक्टूबर बुधवार प्रतिपदा तिथि से 19 अक्टूबर शुक्रवार दशमी तिथि तक 10 दिवसीय नवरात्रा पूर्ण होगें। 10 अक्टूबर को प्रात: 7.26 बजे के बाद द्वितीया का प्रारंभ है जो 11 अक्टूबर को सूर्योदय से पूर्व 6.7 बजे तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग 12 अक्टूबर शुक्रवार प्रात: 10.40 से 13 अक्टूबर सूर्योदय तक 14 अक्टूबर रविवार दोपहर 1.40 से 15 अक्टूबर सूर्योदय तक है। रवि योग 12 अक्टूबर शुक्रवार प्रात: 10.40 से, 13 अक्टूबर शनिवार दिन में 11.35 बजे तक, 14 अक्टूबर
रविवार दिन में 1.14 से, 15 अक्टूबर सोमवार को दोपहर 3.34 बजे तक, 17 अक्टूबर बुधवार रात्रि 9.28 बजे से, 19 अक्टूबर शुक्रवार अद्र्ध रात्रि के बाद तक है। इनमें की गई तंत्र-मंत्र-यंत्र साधना सिद्धि दायक है। तथा वाहन, आभूषण, सफेद वस्तुओं की खरीद व्यापार, मशीनरी आदि कार्य शुभारंभ
करना सर्वश्रेष्ठ है।
