जयपुर। साल के आखिर तक होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने खास तैयारियां की हैं. वोटिंग पर विपक्षी दलों की शंकाएं दूर करने के साथ मतदान प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए भी चुनाव आयोग ने कुछ नए प्रयोग किए हैं.
वोटिंग में स्पष्टता को मजबूत करने के लिए आयोग ने सभी विधानसभा सीटों पर वीवीपैट के इस्तेमाल का फैसला किया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि चुनाव में पहली बार सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपैट और ईवीएम एम.3 मशीनों के जरिए मतदान कराया जाएगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीईसी ओपी रावत ने अधिकारियों को निडर और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की हिदायत दी। किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को आयोग गंभीरता से लेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राज्य के विधानसभा चुनावों मे पहली बार ‘एक्सेसेबिलिटी’ पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगी और प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक एक मतदान केंद्र पर सम्पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान दल गठित किए जाने की तैयारी है।
एप की लेंगे मदद
चुनाव 2018 में आदर्श आचार संहिता एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर निगरानी रखने के लिए ‘सी विजिल’ नाम से एक एप को लॉन्च किया गया है, जो अधिकतम सौ मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान करेगा. इस एप के माध्यम से कोई भी नागरिक चुनाव आचार संहिता संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकेगा और इसका समयबद्ध तरीके से निराकरण किया जाएगा.
यह है प्रदेश का गणित
31 जुलाई 2018 को मतदाता सूची के अनुसार राज्य में 4 करोड़ 75 लाख 10 हजार 434 मतदाता हैं. जिसमें 2 करोड़ 48 लाख 21 हजार 957 पुरुष 2 करोड़ 26 लाख 88 हजार 677 महिला मतदाता और 349 किन्नर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
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